नयी दिल्ली, 25 मार्च भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने ऑनलाइन समाचार मीडिया बाजार में अपनी प्रभावशाली स्थिति का कथित तौर पर दुरूपयोग करने को लेकर गूगल के खिलाफ शिकायतों की जांच का आदेश दिया है।
इंडियन न्यूजपेपर्स सोसाइटी (आईएनएस) ने एक बयान में कहा कि अल्फाबेट इंक (गूगल की मूल कंपनी), गूगल एलएलसी, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गूगल आयरलैंड लिमिटेड और गूगल एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड अपनी प्रभावशाली स्थिति का ‘न्यूज रेफरल’ सेवाओं और गूगल एड टेक सेवाओं का भारतीय ऑनलाइन समाचार मीडिया बाजार में कथित तौर पर दुरूपयोग कर रहे हैं, जो प्रतिस्पर्धा अधिनियम,2002 की धारा 4 का उल्लंघन है।
आईएनएस ने आरोप लगाया है कि डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध कराये जाने वाले समाचारों के उत्पादकों/प्रकाशकों को उनकी सामग्री के लिए उचित मूल्य अदा नहीं किया जा रहा, जबकि इन्होंने ग्राहकों के लिए उपयुक्त सामग्री तैयार करने में भारी निवेश किया होता है। ग्राहक गूगल मंच का उपयोग कर समाचार ढूंढते हैं।
आईएनएस ने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया, फ्रांस और स्पेन सहित कई देशों ने कानून बनाया है, जिसके तहत गूगल सहित टेक (प्रौद्योगिकी) कंपनियों को सामग्री का उत्पादन करने वालों को उनकी सामग्री और सर्च रिजल्ट के लिए पर्याप्त राशि देनी पड़ती है। ’’
इसने कहा कि समाचार मीडिया संस्थानों को गूगल द्वारा विज्ञापनों से संग्रहीत कुल राजस्व से और मीडिया संस्थानों को हस्तांतरित किये जाने वाले विज्ञापन राजस्व की वास्तविक प्रतिशत की जानकारी से पूरी तरह से अनभिज्ञ रखा गया है।
आईएनएस ने कहा, ‘‘यूरोपीय पब्लिशर्स काउंसिल ने भी गूगल के खिलाफ एक प्रतिस्पर्धा शिकायत दायर कर आरोप लगाया है कि गूगल ने ‘एड-टेक वैल्यू चेन’ का संचार के अंतिम छोर तक नियंत्रण हासिल कर रखा है। ’’
इसने कहा है कि देश में समाचार पत्रों के प्रतिनिधि संगठन आईएनएस की दलील की पड़ताल करने के बाद सीसीआई ने पाया कि (गूगल पर) अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरूपयोग करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रतिस्पर्धा अधिनियम,2002 के दायरे में आते हैं तथा इसकी महानिदेशक द्वारा एक विस्तृत जांच की जरूरत है।
आईएनएस ने कहा कि सीसीआई ने उसके द्वारा सौंपी गई सूचना को डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की दलीलों के साथ जोड़ने का एक आदेश जारी किया।
इसने कहा, ‘‘आईएनएस सामग्री को लेकर...अपने सदस्यों और अन्य समाचार प्रकाशकों के लिए गूगल से एक उपयुक्त राशि हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। आईएनएस यथाशीघ्र एक उचित भुगतान प्रणाली लागू किये जाने को लेकर आशान्वित है। ’’
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