नयी दिल्ली, 25 जुलाई महंगाई एवं कुछ आवश्यक वस्तुओं पर माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने के मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर सोमवार को विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया। इस वजह से उच्च सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई और सदन को तीन बार स्थगित करना पड़ा।
दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों ने महंगाई एवं जीएसटी मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा आरंभ कर दिया। हंगामा को देखते हुए दो बज कर 14 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह के कारण उच्च सदन की बैठक दोपहर दो बजे शुरू हुई।
एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में पहले जैसा ही नजारा दिखा और कई विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा ने अविलंबनीय लोक महत्व के विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सदस्य फौजिया खान को ‘‘कोविड-19 के पश्चात स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से उत्पन्न स्थिति’’ का मुद्दा उठाने का मौका दिया। किंतु राकांपा सदस्य ने हंगामे के बीच ही कहा कि महंगाई का मुद्दा आम लोगों के लिए ज्यादा अहम है।
पात्रा ने उनसे विषय पर बोलने को कहा। उन्होंने कहा कि तीन बजे तक इस मुद्दे पर चर्चा पूरी हो जानी चाहिए थी लेकिन इस विषय के महत्व को देखते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसे चार बजे तक पूरा करने की अनुमति दे दी है।
इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा और पात्रा ने बार-बार सदस्यों से शांत रहने तथा इस पर चर्चा करने की अपील की। कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे थे।
हंगामे के बीच ही सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि वह सदन को नहीं चलने देना चाहता है। उन्होंने कांग्रेस के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनकी पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी।
गोयल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत पूरा सम्मान दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले आयोजित एक कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष के लिए प्रधानमंत्री के पास सीट रखी गयी लेकिन वह उस कार्यक्रम में ही नहीं आए। उनके नहीं आने से उनकी कुर्सी खाली पड़ी रही।
इस दौरान सदन में शोरगुल जारी रहा और पात्रा ने तीन बजकर आठ मिनट पर बैठक चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दो बार के स्थगन के बाद जब कार्यवाही अपराह्न चार बजे फिर शुरू हुई तो सदन में वही नजारा देखने को मिला। विपक्षी सदस्य महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
हंगामे के बीच पीठासीन उपाध्यक्ष सस्मित पात्रा ने सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलाप का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू करवायी।
भाजपा के जीवीएल नरसिंह राव, डॉ. सिकंदर कुमार, अजय प्रताप सिंह, बृजलाल, तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी के वासन और मनोनीत सदस्य महेश जेठमलानी ने विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इन सभी सदस्यों ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह विधेयक देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए अत्यंत आवश्यक है। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण विधेयक पर हो रही चर्चा में भाग लेने वाले सदस्यों की बात पूरी तरह से स्पष्ट नहीं सुनाई दे रही थी।
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