नयी दिल्ली, 27 जुलाई राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा और अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
हालांकि हंगामे के बीच ही नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
जैसे ही तीन बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने विधयेक पर चर्चा का जवाब देने के लिए पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल का नाम पुकारा।
हंगामे के बीच ही मंत्री ने चर्चा का जवाब दिया और सदन से इस विधेयक को पारित करने का आग्रह किया।
विधेयक को पारित कराने के दौरान कुछ सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की।
इस पर उपसभापति ने कहा कि जब तक सदस्य अपने स्थानों पर नहीं लौटेंगे उनके लिए मत विभाजन कराना संभव नहीं है।
उन्होंने सदस्यों से बार-बार आग्रह किया कि वह अपने स्थानों पर लौट जाएं लेकिन उनकी बात पर हंगामा कर रहे सदस्यों ने कुछ ध्यान नहीं दिया।
लिहाजा उपसभापति ने हंगामे के बीच ही ध्वनि मत से विधेयक के पारित होने की घोषणा की।
इसके बाद भी जब हंगामा जारी रहा तो उन्होंने सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक पर चर्चा जारी रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्य जुगलसिंह माथुरजी लोखंडवाला का नाम पुकारा और उनसे अपनी बात पूरी करने को कहा।
लोखंडवाला ने सोमवार को इस विधेयक पर चर्चा में अपनी बात रखनी आरंभ की थी लेकिन हंगामे के कारण वह अपनी बात पूरी नहीं कर पाए थे।
जैसे ही लोखंडवाला ने बोलना आरंभ किया वैसे ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सभापति के आसन के समीप आ गए और हंगामा आरंभ कर दिया।
उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा और साथ ही उनके स्थानों की ओर लौटने का आग्रह किया।
लेकिन उनकी इस अपील को अनसुना करते हुए विपक्षी सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी जारी रखा।
हंगामे के बीच ही वाईएसआर कांग्रेस के वेंकटरमणा राव ने भी विधेयक पर अपनी पार्टी का पक्ष रखा।
हंगामा ना थमता देख कुछ देर बाद उपसभापति ने सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
पहली बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगाामा जारी रहा और नारेबाजी के बीच ही उपसभापति ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कुछ पूरक सवालों के जवाब भी दिए। हालांकि हंगामे के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी।
उपसभापति ने आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा कि वे अन्य सदस्यों के सवाल पूछने के अधिकार छीन रहे हैं। उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा।
सदन में भाजपा के उपनेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने नारेबाजी में प्रयुक्त शब्दों पर आपत्ति जतायी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों ने मास्क भी नहीं पहन रखा है। उन्होंने कहा कि वहां कई अधिकारी भी बैठे हैं जिनके संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है।
इसके बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा और उपसभापति ने 12 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
हंगामे के कारण उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने पर सदन ने अपने पूर्व सदस्य वसीम अहमद, मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ और जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति तथा संस्थापक डॉक्टर केनेथ कोंडा को श्रद्धांजलि दी।
आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल के तहत भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी का नाम पुकारा और उनसे उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा। सुशील कुमार मोदी ने अपनी बात कहने का प्रयास किया लेकिन इसी दौरान कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य आसन के समक्ष भी आ गए।
सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने का आग्रह किया। इसके बाद भी सदन में शोरगुल जारी रहने पर उन्होंने अप्रसन्नता जतायी और कहा कि सदस्यों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस हंगामे से अन्य चीजों के अलावा देशहित को भी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने रवैये पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं बनी और उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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