नयी दिल्ली, 19 दिसंबर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब डॉ भीम राव आंबेडकर के संदर्भ में की गयी एक टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के जोरदार हंगामे के कारण लोकसभा में कोई विधायी कार्य नहीं हो सका तथा बैठक एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।
एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया।
सदन में पीठासीन अधिकारी दिलीप सैकिया के सीट पर पहुंचने से पहले ही विपक्षी सदस्य हंगामा शुरू कर चुके थे, जिसे देखते हुए उन्होंने (सैकिया ने) सीट पर बैठते ही कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन जैसे ही समवेत हुआ, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व सदस्य कांग्रेस के ईवीकेएस एलंगोवन के निधन के बारे में सूचित किया और उनके राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त उल्लेख किया। इसके बाद सदन ने कुछ पल मौन रखकर दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद, कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने शाह की टिप्पणी से जुड़ा विषय सदन में उठाने का प्रयास करते हुए हंगामा किया, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी मुख्य विपक्षी दल पर संविधान निर्माता के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रतिवाद किया।
भारी हंगामे के कारण बिरला ने पूर्वाह्न 11 बजकर तीन मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं, ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’
दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव तक हरवाया।
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