नयी दिल्ली, चार अगस्त प्रर्वतन निदेशालय सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों का कथित दुरुपयोग किए जाने सहित कुछ अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल सहित कुछ अन्य सदस्यों ने केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाना चाहा। लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनसे कहा कि आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद वह उन्हें बोलने का मौका देंगे।
सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और उसके बाद बताया कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल की ओर से केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के संबंध में और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कुछ अन्य नेताओं की तरफ से रक्षा सेवाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना और अन्य मुद्दों पर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन के नोटिस मिले हैं।
नायडू ने सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि इन मुद्दों को अन्य अवसरों पर उठाया जा सकता है।
इसके बाद उन्होंने खड़गे को अपनी बात रखने का मौका दिया।
खड़गे ने कहा कि कल भी उन्होंने स्वायत्त संस्थाओं के दुरुपयोग का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया था लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया था। उन्होंने सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के द्वारा विरोधी पाटियों को दबाने के लिए हर कोशिश सरकार की ओर से की जा रही है।
खड़गे ने इतना कहा ही था कि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई, जिसका विपक्षी सदस्यों ने कड़ा प्रतिकार किया।
इसके साथ ही सदन में हंगामा और शोरगुल बढ़ गया। लिहाजा, सभापति ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 14 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)