नयी दिल्ली, 10 फरवरी विपक्षी दलों ने केंद्रीय बजट को जन विरोधी और समावेशी विकास की अनदेखी करने वाला बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसमें महंगाई, बेरोजगारी जैसे जनता से जुड़े विषयों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है और मनरेगा सहित जन कल्याण योजनाओं को नजरंदाज किया गया है।
वहीं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि बजट नरेंद्र मोदी सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को चरितार्थ करता है जिसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग सहित सभी तबकों का ध्यान रखा गया है।
वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट पर निचले सदन में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के थिरूनवुक्करास ने कहा कि केंद्रीय बजट में समावेशी विकास और सभी क्षेत्रों के विकास का दावा किया गया है लेकिन इसमें अल्पसंख्यकों को नजरंदाज किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर हम विकास की यात्रा में अल्पसंख्यकों को शामिल नहीं करेंगे तब समावेशी विकास कैसे होगा, समृद्ध भारत कैसे बनेगा ?’’
चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के तेजस्वी सूर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आईआईटी, आईआईआईटी, टेक्सटाइल क्लस्टर, ट्वाय क्लस्टर, बहुआयामी लॉजिस्टिक पार्क, सेमी कंडक्टर जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने समेत अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, स्टार्टअप योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और मुद्रा योजना जैसे कदमों से लोगों के सशक्तीकरण का कार्य किया गया है।
सूर्या ने कहा कि देश में पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर सुरक्षा का माहौल कायम किया गया है।
भाजपा सदस्य ने कहा कि बजट में कर्नाटक के लिये पर्याप्त आवंटन किये गए हैं, वहीं राज्य की राजधानी बेंगलुरू आज दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ते शहरों में शामिल है।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरू में मेट्रो रेल का तेजी से विस्तार हो रहा है जिससे जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी और लोगों को सुविधा होगी। इसके साथ ही बेंगलुरू उपनगरीय रेल परियोजना को बढ़ाया जा रहा है।
सूर्या ने कहा कि देश को पांच हजार अरब रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में कर्नाटक महत्वपूर्ण योगदान देने को तत्पर है।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए जदयू के दिलेश्वर कमैत ने कहा कि यह बजट जन विरोधी है और इसमें समावेशी विकास की अनदेखी की गई है।
उन्होंने कहा कि बजट में महंगाई, बेरोजगारी जैसे जनता से जुड़े विषयों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है और मनरेगा सहित जन कल्याण योजनाओं को नजरंदाज किया गया है।
उन्होंने सरकार से पूछा कि स्मार्ट सिटी योजना, किसानों की आय दोगुनी करने के वादे का क्या हुआ?
जदयू सदस्य ने कहा कि मनरेगा जैसी योजना के आवंटन में कटौती की गई है और सरकार जातीय जनगणना से पीछे हट रही है।
वहीं, भाजपा के किरीट भाई सोलंकी ने कहा कि यह बजट नरेंद्र मोदी सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को चरितार्थ करता है और यह दुनिया में भारत के कद को बढ़ाने वाला है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में युवाओं, महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग सहित सभी का ध्यान रखा गया है।
सोलंकी ने कहा कि इस बजट में स्वस्थ भारत, सुरक्षित भारत का आधार है।
जारी दीपक वैभव
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)