नयी दिल्ली, सात फरवरी राज्यसभा में विपक्ष ने राष्ट्रपति अभिभाषण में महंगाई, बेरोजगारी एवं गरीबी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साधे जाने का आरोप लगाते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच की लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की चुनौती दी। यद्यपि विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि सरकार धर्म, जाति, क्षेत्र का भेदभाव किए बिना समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है।
उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि संसद में जेपीसी गठित करने की मांग कोई नयी नहीं है और पूर्व में शेयर घोटालों को लेकर जांच के लिए जेपीसी गठित भी हुई है।
उन्होंने कहा,‘‘ आज भी मौका है, प्रधानमंत्री जी में यदि साहस है, जो मुझे उम्मीद नहीं है कि उनमें साहस है, तो वह जब जवाब दें।’’ सिंह ने प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि वह जेपीसी के गठन की घोषणा करें।
कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद निवेशकों का करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने हैरत जताते हुए पूछा, ‘‘क्या सदस्य सदन में इस बात पर भी चर्चा नहीं कर सकते?’’
उन्होंने सवाल किया कि सीबीआई, ईडी तथा अन्य एजेंसियों ने इस रिपोर्ट पर अभी तक क्या कार्रवाई की है? उन्होंने कहा कि सरकार और सेबी जैसी नियामक एजेंसी को इस बारे में बयान देकर स्थिति स्पष्ट करना चाहिए।
सिंह ने कहा कि कोविड में जब लोगों की संपत्ति घट रही थी तो अडाणी के 130 रूपये के शेयर का दाम 4000 रूपये कैसे पहुंच गया, इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रवक्ताओं को इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2047 तक के भारत की यात्रा को अमृत काल कहे जाने का उल्लेख करते हुए सिंह ने प्रश्न किया कि यह अमृत काल किसके लिए है?
उन्होंने कहा कि यह अमृतकाल उन लोगों के लिए है जो अमृत पी रहे हैं और इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश के 21 लोगों के पास देश के 70 करोड़ लोगों की संपत्ति है।
कांग्रेस सदस्य ने कहा कि अमृत काल ‘‘सूटबूट वाले लोगों’’ के लिए है और राष्ट्रपति अभिभाषण में गरीब लोगों के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने सहित मोदी सरकार के किसी वादे को पूरा नहीं किया गया जबकि इस सरकार के कार्यकाल में कुछ व्यवसायियों का 66.50 लाख करोड़ रूपये का कर्ज माफ किया गया है।
सिंह ने कहा कि अडाणी समूह का 84 हजार करोड़ रूपये का कर्ज भी माफ किया गया। उन्होंने कहा कि लेकिन जो विष पी रहे हैं, उनमें किसानों या गरीबों का कोई कर्ज माफ नहीं किया गया।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में एक लाख 26 हजार करोड़ रूपये का प्रीमियम एकत्र किया गया जबकि 87,320 हजार करोड़ रूपये की राहत प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि यानी 40 हजार करोड़ रूपये विष पीने वालों की जेब से निकल अमृत पीने वालों की जेब में पहुंच गया है।
इससे पहले राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा कि स्वाधीन भारत में पहली बार किसी आदिवासी राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया और वित्त मंत्री ने अमृतकाल में अपना बजट भाषण पेश किया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं के सशक्तीकरण पर कितना बल देते हैं।
उन्होंने कहा कि एक समय था कि भारत अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दुनिया की तरफ देखता था और आज भारत विश्व की समस्याओं का समाधान करने में लगा हुआ है चाहे वह कोविड महामारी हो या आतंकवाद से मुकाबले के प्रयास हों या विश्व शांति के लिए वार्ता हो।
लक्ष्मण ने राष्ट्रपति अभिभाषण में 2047 तक देश को गरीबी से मुक्त करने और आत्मनिर्भर भारत बनाने सहित निर्धारित विभिन्न लक्ष्यों का उल्लेख किया। भाजपा सदस्य ने कहा कि आज भारत में ऐसा डिजिटल नेटवर्क बना है जो विकसित देशों के लिए भी प्रेरणादायक बन गया है।
धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए भाजपा नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि मोदी सरकार ‘‘किसी के साथ अन्याय नहीं, किसी के साथ भेदभाव नहीं’’ के सिद्धांत पर काम करती है।
भाजपा सदस्य ने राष्ट्रपति अभिभाषण को जोशपूर्ण, सारगर्भित, उद्देश्यों से लैस और देश की तरक्की की चर्चा से पूर्ण होने के साथ ही गरीबों के उत्थान का ‘‘यंत्र’’ करार दिया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मई में नौ साल पूरा होंगे और इस दौरान उसने लंबी यात्रा तय की है। उन्होंने कहा कि जब 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आयी थी, ‘‘उस समय भारत की अर्थव्यवस्था दसवें नंबर पर थी लेकिन अब हम पांचवें नंबर पर हैं और भारत ने ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ दिया है जिसने भारत पर लंबे समय तक शासन किया।’’
महंगाई का जिक्र करते हुए जावडेकर ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति की दर करीब छह प्रतिशत है जबकि कई देशों में यह 15 से लेकर 40-50 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
उन्होंने मौजूदा सरकार को निडर एवं निर्णय लेने वाली सरकार करार देते हुए कहा कि तीस साल बाद एक स्थिर सरकार केंद्र में आयी। उन्होंने कहा कि स्थायी सरकार होने से देश को कई फायदे होते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का प्रभाव लोगों को दिख भी रहा है।
जावडेकर ने कहा कि देश के आम मतदाता सरकार बनाते हैं और पसंद नहीं आने पर उसे हटा भी देते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने पर आम जनता सरकार को बार-बार मौका देती है और मोदी 2021 से किसी न किसी सरकार के प्रमुख रहे हैं तथा हर बार जनता उन्हें अधिक पसंद करती रही है।
जारी माधव
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