नयी दिल्ली, 10 फरवरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय बजट को ‘हवाबाजी’ करार देते हुए कहा कि इसमें महंगाई रोकने, गरीबों के कल्याण और रोजगार सृजन जैसे विषयों पर एक भी शब्द नहीं है और यह गरीबों, मजदूरों एवं किसानों के साथ किया गया ‘क्रूर मजाक’ है, वहीं भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि देश में पहली बार दूरगामी और भविष्य की सोच वाला बजट आया है।
चौधरी ने लोकसभा में 2022-23 के केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के कुछ सदस्यों द्वारा प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘‘बिना सोचे-समझे नेहरूजी के खिलाफ नहीं बोलें। इससे आप इस सदन की गरिमा को भी चोट पहुंचाते हैं।’’
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता तेजस्वी सूर्या ने बुधवार को सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कहा था समाजवादी विचारधारा के साथ पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों ने वंशवादी शासन जारी रखने के मंसूबों के तहत देश को गरीब बनाए रखा था।
चौधरी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी युवाओं को रोजगार दिये जाने और अमीरों-गरीबों के बीच खाई को पाटने की बात करते हैं तो उनके लिए अपशब्द बोले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस बजट का सार देखें तो इसमें कुछ नहीं है और केवल ‘हवाबाजी’ है। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीबों, किसानों, मजदूरों और अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के साथ ‘क्रूर मजाक’ है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इस सरकार के शासनकाल में 60 लाख छोटे उद्योग खत्म हो गये, प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति खर्च कम हो गया। उन्होंने दावा किया कि 4.60 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिये गये।
चौधरी ने कहा कि बजट में गरीबों, रोजगार सृजन और महंगाई पर नियंत्रण जैसे विषयों के लिए एक शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें कर राहत की कोई बात नहीं है और लोक कल्याण को तो ‘‘जैसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया है’’।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि देश में पहली बार ऐसा बजट आया है जो दूरगामी, दूरदृष्टि और भविष्य की सोच वाला है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पहले भी अच्छे बजट प्रस्तुत किये हैं, लेकिन चुनाव के समय में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भविष्य की सोच वाला बजट तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि नजर आती है और इसमें सतत विकास की बात है।
रूड़ी ने कहा कि बजट में अगले 25 साल का खाका प्रस्तुत किये जाने से ही विपक्ष के अनेक सदस्य हैरानी जता रहे हैं, जबकि इस तरह की दूरदृष्टि तो सैकड़ों सालों के लिए होती है और इतिहास में भी इसके अनेक उदाहरण हैं जहां सैकड़ों साल पुरानी परियोजनाएं आज भी जनता को लाभान्वित कर रही हैं।
उन्होंने बजट में घोषित रोपवे परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न कार्बन उत्सर्जन होगा, न पहाड़ तोड़े जाएंगे और ना ही पर्यावरण का नुकसान होगा। रूड़ी ने कहा कि लेकिन पिछली सरकारों ने इस बारे में कभी नहीं सोचा।
रूड़ी ने कहा कि नाभिकीय संलयन (न्यूक्लियर फ्यूजन) से ऊर्जा उत्पादन संबंधी आईटीईआर समझौता कांग्रेस की सरकार में हुआ था लेकिन मोदी सरकार ने उसे खत्म् नहीं किया, बल्कि आगे बढ़ाया जा रहा है क्योंकि यदि हाइड्रोजन फ्यूजन से ऊर्जा की परिकल्पना साकार हुई तो बिजली, ईंधन आदि की समस्या खत्म हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह सरकार अच्छी योजनाओं को आगे बढ़ाती है, फिर चाहे उसे किसी भी नेतृत्व ने शुरू किया हो।
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