दुमका (झारखण्ड), 4 फरवरी : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) ने केंद्र सरकार पर राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने का आरोप लगाते हुए लोगों का आह्वान किया कि ग्रामसभा की अनुमति के बगैर वनक्षेत्रों में यदि कोई गतिविधि शुरू की जाती है तो वे विरोध करें. सोरेन ने दुमका में अपनी पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 44वें स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, ‘‘केन्द्र सरकार ने वन (संरक्षण) कानून में ऐसा बदलाव किया है कि पेड़ काटने से लेकर खुदाई करने तक किसी भी कार्य के लिए ग्रामसभा समिति की सहमति की आवश्यकता नहीं होगी.
कानून बदल देने के कारण आदिवासी-मूलवासी अब अपनी आवाज नहीं उठा पायेंगे.’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसका लक्ष्य आदिवासियों-मूलवासियों की आवाज को दबाना है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘हमने भारत सरकार को चिट्ठी लिखी है कि आपका यह कानून इस राज्य में लागू नहीं हो सकते.’’ यह भी पढ़ें : ग्रामसभा की अनुमति के बगैर वनक्षेत्र में कार्य शुरू किये जाने पर विरोध करें: मुख्यमंत्री सोरेन ने लोगों से कहा
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का विकास किया लेकिन उसने सत्ता में रहने के दौरान झारखंड के विकास के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘‘अब पहली बार राज्य में आदिवासी-मूलवासी की सरकार बनी है तो भाजपा के लोग सरकार गिराने के लिये नाना प्रकार के षडयंत्र रचते हैं, इन लोगों का संकल्प है कि मुख्यमंत्री को जेल भेज देंगे लेकिन सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.’’