देश की खबरें | दिल्ली में अप्रैल से सितंबर के बीच प्रतिरोपण 41 फीसदी ही पेड़ जीवित रह पाए

नयी दिल्ली, चार जनवरी दिल्ली में अप्रैल से सितंबर के दौरान 8500 से ज्यादा पेड़ों का आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर प्रतिरोपण किया गया लेकिन उनमें से सिर्फ 41 फीसदी ही जीवित रह पाए। दिल्ली सरकार के मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली दो तिमाही के बजट परिणाम से यह जानकारी मिली है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में 3457 पेड़ों का प्रतिरोपण किया गया था जिनमें से 64 फीसदी जीवित बच गए थे।

बीते बरस अप्रैल से सितंबर के बीच आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर 8508 पेड़ों का प्रतिरोपण किया गया था जिनमें से सिर्फ 41 प्रतिशत वृक्ष ही बच पाए। इस अवधि के दौरान कुल 23 परियोजनाओं के लिए पेड़ों के स्थानों को बदलने की मंजूरी दी गई थी।

वन विभाग की ओर से पिछले साल मई में दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल किए गए आंकड़ों के मुताबिक, गत तीन सालों में 16,461 पड़ों का प्रतिरोपण किया गया है जिनमें से सिर्फ एक तिहाई (33.33 फीसदी) वृक्ष ही जीवित रह पाए।

बजट परिणाम में यह भी बताया गया है कि दिल्ली सरकार ने अब तक राजधानी में चार विश्व स्तरीय शहरी वनों का विकास नहीं किया है।

सरकार ने पिछले साल अप्रैल में परियोजना का ऐलान किया था। दिल्ली में 19 शहरी वन हैं।

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