देहरादून, 15 जुलाई उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर कोई कांवड़िया उत्तराखंड में प्रवेश करता है तो उसे 14 दिन के लिए पृथक-वास में भेजा जाएगा ।
कुमार ने यहां इस संबंध में आयोजित एक बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, ‘‘अगर कोई कांवड़िया हरिद्वार में प्रवेश करता है तो उसे 14 दिनों के लिए पृथक-वास में भेजने के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार से निर्देश निकलवाकर स्थान चिन्हित कर लिए जाएं ।’’
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कांवड़ मेले को स्थगित किए जाने के मद्देनजर संबंधित जिलाधिकारियों के साथ एसओपी तैयार करने के भी निर्देश दिए ।
कुमार ने कहा कि यदि कोई कांवड़िया सड़क पर दिखाई दे तो उसे बस या अन्य माध्यम से वापस भिजवाया जाए ।
इसके अलावा हरिद्वार, देहरादून, टिहरी एवं पौडी जिलों में कांवड़ इन्फोर्समेन्ट टीम का गठन किया जाए जो प्रतिबंधित कांवड़ मेले के दौरान गश्त करते हुए कानून— व्यवस्था को बनाए रखें ।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि रेलगाड़ियों से आने वाले कावड़ियों को रोकने हेतु हरिद्वार से पहले पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों पर उन्हें रोककर उतारा जाएगा और उन्हें वहीं से शटल बसों के माध्यम से वापस किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार में सीमावर्ती थानों के साथ संबंधित पुलिस महानिरीक्षक (कानून- व्यवस्था) की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जाए जिसमें अन्य राज्यों की सीमा से लगे जिलों के परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को आमंत्रित किया जाए और बैठक में संयुक्त रूप से टैंकरों के माध्यम से गंगाजल भेजे जाने पर विचार कर लिया जाय।
कुमार ने कहा कि कांवड़ मेले के स्थगित होने के संबंध में कांवड़ संघ एवं समितियों से वार्ता कर उन्हें अवगत करा दिया जाए और उसे थाने की कार्यवाही में भी अंकित किया जाए ताकि अगर कोई कोविड महामारी अधिनियम का उल्लंघन करता है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही करने में आसानी हो । इसके लिए कुमार ने जिला प्रशासन से आवश्यक रूप से मजिस्ट्रेट नियुक्त कराने के निर्देश भी दिए ।
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में दुकानदारों को बता दिया जाए कि कांवड़ से सम्बन्धित सामग्री बेचना भी प्रतिबन्धित रहेगा ।
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस दौरान अस्थि विसर्जन हेतु हरिद्वार आने वालों को नहीं रोका जाए ।
कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा को स्थगित करने की घोषणा की थी । कोविड की दूसरी लहर के प्रकोप के दौरान हरिद्वार कुंभ को लेकर प्रदेश सरकार को खासी किरकिरी झेलनी पड़ी थी और माना जा रहा है कि अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा को स्थगित करना ही उचित समझा ।
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