तिरुवनंतपुरम, 12 जनवरी: कांग्रेस के हिंदू विरोधी होने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों के जवाब में वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रामकृष्ण मिशन में सोनिया गांधी के दो दशक पहले दिए गए एक भाषण का जिक्र किया जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि भारत की धर्मनिरपेक्ष पहचान के लिए हिंदू उदारवादी विचारों ने कैसे योगदान दिया. तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर की टिप्पणी से एक दिन पहले भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस के तीन शीर्ष नेताओं द्वारा निमंत्रण को अस्वीकार किए जाने पर पार्टी के फैसले की आलोचना की थी.
भाजपा ने दावा किया कि इससे भारत की संस्कृति और हिंदू धर्म के प्रति कांग्रेस के भीतर अंतर्निहित विरोध का पता चलता है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में थरूर ने हिंदू धर्म को लेकर स्वामी विवेकानंद के विचारों पर प्रकाश डालते हुए सोनिया गांधी के संबोधन को संलग्न किया. इस पोस्ट में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य थरूर ने अपना विश्वास व्यक्त किया कि विवेकानंद की शिक्षाएं वर्तमान समय के लिए अत्यधिक प्रासंगिक और प्रभावशाली संदेश देती हैं.
सोनिया गांधी ने बारह जनवरी, 1999 को अपने संबोधन में ‘भारत की बहुलवादी और समग्र विरासत" की सराहना करने वाले स्वामी विवेकानंद के विचारों को समाज के कुछ वर्गों द्वारा हथियाने पर अफसोस जताया था. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार सत्ता में थी. थरूर ने अपने पोस्ट में कहा कि कांग्रेस का हिंदू उदारवाद के साथ जुड़ाव पिछले एक दशक की घटनाओं की हालिया प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि लंबे समय से बरकरार और गहरा विचार है. उन्होंने लिखा, ‘‘आज से 25 साल पहले, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने 12 जनवरी 1999 को रामकृष्ण मिशन, नयी दिल्ली में राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह में विचारपूर्ण भाषण दिया था.’’
सोनिया गांधी ने इस बात पर अफसोस जताया था कि भारत की विविध विरासत और सहिष्णुता तथा सद्भाव पर जोर देने वाले हिंदू धर्म के संदेश के लिए स्वामी विवेकानंद की सराहना को नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले समूहों द्वारा विकृत और हथियाया जा रहा है.
थरूर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘आज स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के बारे में इससे अधिक प्रभावी संदेश की कल्पना करना कठिन है. और यह याद रखना ठीक होगा कि कांग्रेस की हिंदू उदारवाद के साथ पहचान पिछले दस वर्षों की घटनाओं की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि एक लंबे समय से कायम सोच है.’’
सोनिया गांधी ने यह भी कहा था कि भारत मुख्य रूप से धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि हिंदू धर्म, दर्शन और जीवन शैली दोनों तरीके से ‘‘हमारे पूर्वजों के कथन ‘एकम सत, विप्रा बहुधा वदंति (सत्य एक है, जिसे बुद्धिमान विभिन्न नामों से बुलाते हैं)’ पर आधारित है.’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने थरूर की सराहना करते हुए इसे ‘‘शानदार शोध’’ बताया और कहा कि यह समयानुकूल भी है. ‘एक्स’ पर थरूर के पोस्ट को साझा करते हुए रमेश ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही 1985 में स्वामी विवेकानंद के सम्मान में 12 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया था.
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