देश की खबरें | जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपे जाने पर उद्धव ने कहा- कुछ तो गड़बड़ है

मुंबई, आठ मार्च महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटक से लदा वाहन मिलने के मामले में एनआईए द्वारा जांच की जिम्मेदारी संभालने पर सोमवार को कहा कि कुछ तो ‘‘गड़बड़’’ है।

ठाकरे ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि सरकार आती-जाती रहती है लेकिन आधिकारिक प्रशासनिक तंत्र वही रहता है और हर किसी को इस पर विश्वास करना चाहिए।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने गृह मंत्रालय के आदेशों के बाद इस मामले को अपने हाथों में लिया है। प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी फिर से मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में है।

गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला घर 'एंटीलिया' के निकट 25 फरवरी को एक 'स्कॉर्पियो' कार के अंदर जिलेटिन की छड़ें रखी हुई मिली थीं। पुलिस ने कहा था कि कार 18 फरवरी को एरोली-मुलुंद ब्रिज से चोरी हुई थी।

महाराष्ट्र के आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य पुलिस हीरेन की मौत के मामले को सुलझाने में समर्थ है और अंबानी के आवास के पास से विस्फोटक से लदी कार बरामद की थी।

वाहन के मालिक हीरेन मनसुख शुक्रवार को ठाणे में मृत पाये गये थे।

ठाकरे ने कहा, ‘‘हमने विस्फोटक से लदे वाहन की बरामदगी के मामले और मनसुख हीरेन की मौत की जांच का जिम्मा एटीएस को सौंप दिया था। मामले को एनआईए ने अपने हाथ में लिया है, इससे लगता है कि कुछ गड़बड़ है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि एटीएस हीरेन की मौत की जांच जारी रखेगी।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को राज्य के तंत्र में कोई भरोसा नहीं है और वह दिखाना चाहता है कि तंत्र काम नहीं कर रहा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर ऐसा है तो वह क्यों मांग कर रही है कि राज्य सरकार ईंधन पर कर घटाए।’’

ठाकरे ने कहा कि राज्य की पुलिस लोकसभा सदस्य मोहन डेलकर की कथित आत्महत्या की जांच करवाएगी और गुनहगारों को दंडित किया जाएगा।

दादरा और नागर हवेली से सात बार के सांसद डेलकर 22 फरवरी को दक्षिण मुंबई में मरीन ड्राइव पर स्थित एक होटल में मृत पाए गए थे।

ठाकरे ने कहा, ‘‘केंद्र शासित क्षेत्र की शासन व्यवस्था केंद्र के जिम्मे हैं। हम इस मामले को तार्किक अंजाम तक पहुंचाएंगे। सात बार के सांसद ने जान दे दी, मुझे आश्चर्य है कि विपक्ष इस पर चुप क्यों है।’’

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