ताजा खबरें | उमर अब्दुल्ला ने गुलाम नबी आजाद को उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दी

जम्मू, 15 अप्रैल नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद को चुनौती दी कि वह ‘‘कैमरे के पीछे छिपने’’ और उनकी पार्टी को निशाना बनाकर बयान देने के बजाय उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ें।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला उत्तरी कश्मीर के बारामूला संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। वह वर्तमान में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन के उम्मीदवार चौधरी लाल सिंह के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते चिनाब घाटी क्षेत्र के चार दिवसीय दौरे पर हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से डीपीएपी उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था, लेकिन उन्होंने बाद में कहा कि वह अपनी उम्मीदवारी को लेकर निश्चित रूप से नहीं बता सकते क्योंकि पार्टी ने उनसे इस बारे में सलाह नहीं ली थी।

अब्दुल्ला ने डोडा जिले के थाथरी इलाके में अपने रोड शो के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उन्हें (आजाद को) चुनौती देता हूं कि वह अपनी ताकत आजमाने के लिए मेरे खिलाफ (चुनाव) लड़ें। कैमरे के पीछे छिपना और (नेकां के खिलाफ) बयान देना बहुत आसान है। अगर वह मर्द हैं तो वह मेरे खिलाफ लड़ें। मैं देखूंगा कि उन्हें कितने वोट मिलते हैं।’’

अब्दुल्ला ने खराब मौसम के बावजूद लाल सिंह के समर्थन में अपना रोड शो जारी रखा। लाल सिंह केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

आजाद द्वारा अपनी चुनावी रैलियों में नेकां पर निशाना साधे जाने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने दावा किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आजाद के खिलाफ तब तक नहीं बोले (जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और 2022 में अपनी पार्टी बनाई), जब तक उन्होंने नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को निशाना बनाना शुरू नहीं किया। हमने उन्हें अपना मित्र माना लेकिन वह भाजपा के मित्र निकले।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नेकां को निशाना बनाना आजाद की मजबूरी है क्योंकि वह भाजपा को निशाना नहीं बना सकते।’’

इससे पहले, अब्दुल्ला ने बारिश के बीच वाहन के ऊपर खड़े होकर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चिनाब घाटी के उनके दौरे का मकसद लोगों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराना और उनके मतों को विभाजित करने एवं उनकी आवाज को कमजोर करने की साजिशों के बारे में उन्हें आगाह करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘बाल्टी चुनाव चिह्न वाली पार्टी (डीपीएपी) आपको लाभ पहुंचाने और आपके मुद्दों को हल करने के लिए यहां नहीं है। यह उस भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए (चुनावी) मुकाबले में शामिल हुई है, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया, पूर्ववर्ती राज्य को (पांच अगस्त, 2019 को) केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया और हमसे खोखले वादे किए।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी राज्य का दर्जा कम करके उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘(पांच अगस्त, 2019 के बाद) क्या बदला है? उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए और हम पर क्षेत्र के विकास में बाधा बनने का आरोप लगाया।’’

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