नयी दिल्ली, 19 दिसंबर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके पिता की संपत्तियों की अस्थायी कुर्की के आदेश को "निराधार" करार दिया और आश्चर्य जताया कि पैतृक संपत्ति को अपराध से हासिल संपत्ति के रूप में कैसे देखा जा सकता है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस संबंध में कई ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने कहा, ‘‘उनके पिता फारूक अब्दुल्ला इसको लेकर अपने वकीलों के संपर्क में हैं और इन सभी निराधार आरोपों से अदालत में लड़ेंगे.’’
उन्होंने कहा कि सभी को लगता है कि वह निर्दोष हैं और मीडिया की अदालत या भाजपा के प्रबंधित सोशल मीडिया की अदालत के विपरीत वह निष्पक्ष जांच के हकदार हैं. उमर ने आश्चर्य व्यक्त किया कि कुर्क की जाने वाली संपत्तियों में से अधिकतर 1970 के दशक के हैं, जिनमें सबसे हालिया निर्मित एक इमारत 2003 से पहले की है. यह भी पढ़े-Rajasthan Political Crisis: उमर अब्दुल्ला ने सचिन पायलट की बगावत को लेकर कही ये बात
उन्होंने कहा, कुर्की को सही नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि उनके पिता को मीडिया के माध्यम से जेकेसीए मामले में चल रही जांच में उनकी संपत्तियों की कुर्की के बारे में पता चला. उन्होंने कहा, "कितने आश्चर्य की बात है कि उनके पिता को कोई आधिकारिक नोटिस या दस्तावेज मिलने से पहले ही मीडिया को जब्ती के बारे में बता दिया गया."
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