भवानीपटना (ओडिशा), 23 अप्रैल : आत्मसमर्पण कर चुके दो नक्सलियों के ओडिशा (Odisha) के कालाहांडी जिले में परिणय सूत्र में बंधने से पुलिसकर्मी खुशी से झूम उठे. भवानीपटना रिजर्व पुलिस परिसर में शुक्रवार को उत्सव जैसा दृश्य नजर आया. पूर्व लाल विद्रोहियों-रामदास और कलामदेई के विवाह के मौके पर पुलिसकर्मी उन्हें बधाई दे रहे थे. छत्तीसगढ़ के रहने वाले रामदास केशव वालाडी (29) ने अलग-अलग इलाकों में छापामार लड़ाके का जीवन व्यतीत करने के बाद, रिजर्व पुलिस परिसर के एक मंदिर में कालाहांडी की मूल निवासी कलामदेई मांझी (25) से शादी कर ली. गौरतलब है कि वालाडी ने 18 फरवरी, 2020 को आत्मसमर्पण कर दिया था, जबकि दुल्हन ने चार साल पहले 5 जनवरी, 2016 को अपने हथियार डाल दिए थे. इसके बाद, उन दोनों की मुलाकात भवानीपटना के एक अस्पताल में हुई, जहां वालाडी के पिता मोतियाबिंद की सर्जरी करवा रहे थे.
पुलिस को जब दोनों पूर्व विद्रोहियों की शादी करने की इच्छा के बारे में पता चला, तो उन्होंने शादी की व्यवस्था करने और खर्च वहन करने का फैसला किया. आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के परिवार के सदस्यों के अलावा शादी में राजेश पंडित, पुलिस उप महानिरीक्षक (दक्षिण पश्चिमी रेंज) कोरापुट, डॉ सरवण विवेक एम, कालाहांडी पुलिस अधीक्षक, और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 64 वीं बटालियन के कमांडेंट बिप्लब सरकार शरीक हुए. वालाडी लगभग नौ वर्षों तक प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के कंधमाल-कालाहांडी-बौध-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन का सदस्य था, जबकि मांझी प्रतिबंधित संगठन के बंसधारा-घुमुसुर-नागबली (बीजीएन) डिवीजन की सदस्य थी. यह भी पढ़ें: Tamil Nadu: खेत में अश्लील वीडियो दिखाकर 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म, मासूम ने डॉक्टर को सुनाई आपबीती
एक अधिकारी ने बताया कि ''दोनों इस झूठी धारणा के तहत संगठन में शामिल हुए कि माओवादी आदिवासियों के हित में काम कर रहे हैं, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि लाल विद्रोही वास्तव में विकास विरोधी थे.'' कालाहांडी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद वालाडी को पुनर्वास पैकेज के तहत 3.98 लाख रुपये मिले. वहीं, मांझी को आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास के लिए 2.98 लाख रुपये मिले थे. इस अवसर पर डीआईजी पंडित ने माओवादियों से वालाडी और मांझी की तरह बेहतर जीवन जीने के लिए अपने हथियार डालने का आग्रह किया.