भुवनेश्वर, 10 जुलाई ओडिशा सरकार के मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘ओडिया अस्मिता’ के पुनरोत्थान और राज्य की कला, संस्कृति एवं विरासत को बढ़ावा देने के वास्ते विभिन्न पहल के लिये 200 करोड़ रुपये का कोष बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि इस निधि का उपयोग ओडिशा अस्मिता भवन, ओडिया अनुवाद अकादमी, विश्व स्तरीय ताड़पत्र पांडुलिपि संग्रहालय की स्थापना, पाइका विद्रोह स्मारक के विकास और जिला स्तर पर ई-पुस्तकालय के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में ओडिया पीठ की स्थापना, ओडिसी संगीत और नृत्य में प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता और सांस्कृतिक मंडली प्रबंधन प्रणाली का विकास भी पहल का हिस्सा होगा।
तीन घंटे तक चली राज्य कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता माझी ने की।
बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “कैबिनेट ने ओडिया अस्मिता के पुनरोत्थान और ओडिया कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये का कोष बनाने का फैसला किया है।”
राज्य में 12 जून को सत्ता संभालने के बाद से भाजपा सरकार की यह दूसरी कैबिनेट बैठक थी।
मंत्रिपरिषद ने राज्य में अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और उच्च-कुशल श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी को संशोधित करने को भी अपनी मंजूरी दे दी।
उन्होंने कहा कि अकुशल और उच्च-कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम दैनिक मजदूरी 98 रुपये बढ़ा दी गई है, जबकि अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों की मजदूरी में 108 रुपये प्रति दिन की वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब दैनिक मजदूरी 450 रुपये से 600 रुपये के बीच है।
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