देश की खबरें | एनआरएससी से एनसीजेड का भू उपयोग मानचित्रण करा सकते हैं: मंत्रालय ने एनजीटी से कहा
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 16 सितंबर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने बुधवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष प्रस्ताव दिया कि राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) से प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र (एनसीजेड) की स्थिति के आकलन के लिये भू-उपयोग भू आच्छादन मानचित्रण के लिये कहा जा सकता है।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) के तहत आने वाले इलाके में समय के साथ सभी घटक राज्यों में काफी परिवर्तन हुआ है क्योंकि कई और जिले इसमें जुड़ते गए।

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मंत्रालय ने कहा कि 1999 में उच्च रेजोलूशन वाले आंकड़े की अनुपलब्धता के मद्देनजर यह प्रस्ताव है कि एनआरएससी से दो अवधियों जैसे- 1999 और 2019- के लिये भू-उपयोग भू आच्छादन मानचित्रण करने को कहा जा सकता है।

मंत्रालय ने कहा, “मानचित्रण के लिये वर्गीकरण की योजना का चयन इस तरह किया जाना चाहिए कि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों का मानचित्रण स्पष्ट रूप से हो। इस पूरी कवायद के अंतिम निष्कर्ष से पहले जमीनी हकीकत का पता लगाने पर भी आवश्यक ध्यान दिया जाना चाहिए।”

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अधिकरण ने मंत्रालय के प्रतिवेदन पर गौर करने के लिये मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह अपनी रिपोर्ट अगले वर्ष 31 जनवरी तक ई-मेल से उपलब्ध कराए।

अधिकरण एनजीटी बार एसोसिएशन की विधिक सहायता समिति द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एनसीजेड के तेजी से कम होने पर चिंता जाहिर की गई थी।

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