देश की खबरें | कोई राजनीतिक दल नहीं बल्कि कुछ तत्व देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं: एनसीएम प्रमुख

नयी दिल्ली, चार मई विभिन्न राज्यों में दो समुदायों के बीच हालिया हिंसक झड़पों पर ध्यान देते हुए, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने बुधवार को कहा कि कोई राजनीतिक दल नहीं बल्कि कुछ लोग देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। एनसीएम ने कानून प्रवर्तन अधिकारियों से उनकी पहचान करने और ''साजिश'' का पता लगाने के लिए कहा।

एनसीएम अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ''मैं किसी भी राजनीतिक दल को दोष नहीं दूंगा। लेकिन, इन झड़पों के लिए, मैं निश्चित रूप से कुछ तत्वों, कुछ लोगों को दोष दूंगा। वे किसी छिपे हुए मकसद से शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी पहचान की जानी चाहिए, उनकी साजिशों का खुलासा किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।''

हाल ही में पंजाब के पटियाला जिले में दो समूहों के बीच हिंसक झड़पों पर एनसीएम अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार इसे रोक सकती थी।

उन्होंने कहा, ''जब तक राज्य सरकार की रिपोर्ट नहीं आती है, हम केवल मीडिया की खबरों पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।''

उन्होंने कहा, ''पटियाला की घटना पंजाब सरकार की अपराध को रोकने में एक स्पष्ट विफलता थी जो कानून व्यवस्था बनाए रखने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। कुछ कमी राज्य सरकार की ओर से थी।''

लालपुरा ने कहा कि अल्पसंख्यक आयोग ने हाल में हुई हिंसा की सभी घटनाओं का संज्ञान लिया है और पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, गुजरात और बिहार सहित राज्य सरकारों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

राजस्थान के जोधपुर में हाल ही में हुई सांप्रदायिक झड़प पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को इस घटना की जांच सुनिश्चित करने को कहा है ताकि शांति भंग करने की साजिश का पता चले और इसमें शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जा सके।

उन्होंने कहा, ''अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता।''

मध्य प्रदेश में गोहत्या के आरोप में दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या करने की मीडिया में आई खबरों पर संज्ञान लेते हुए एनसीएम प्रमुख ने कहा कि आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर घटना की रिपोर्ट तलब की है।

लालपुरा ने कहा कि उन्होंने आयोग के अन्य सदस्यों के साथ हाल ही में दिल्ली में हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके का दौरा किया था।

उन्होंने कहा, ''हमने संबंधित पक्ष से मुलाकात की। वे वहां बहुत खुशी से रह रहे हैं। मुसलमान कहते हैं कि वे हिंदुओं के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं जबकि हिंदू कहते हैं कि वे मुसलमानों के ईद और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।''

उन्होंने कहा कि जहांगीरपुरी में हुई हिंसा की घटना में “कुछ बदमाश” शामिल थे और मांग की कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। हमने दिल्ली पुलिस आयुक्त से (जहांगीरपुरी हिंसा पर) रिपोर्ट मांगी है।

मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर उठ रहे विवाद के जवाब में एनसीएम प्रमुख ने कहा कि ध्वनि नियंत्रण से संबंधित कानून लागू किया जाना चाहिए।

एनसीएम प्रमुख ने राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा शासित नगर निकायों द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान का भी समर्थन करते हुए कहा, ''यह नई चीजों को बनाने, चीजों को सुधारने और अवैध अतिक्रमणों को हटाने की प्रक्रिया है, किसी को दंडित करने की नहीं।''

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