कोलकाता, 23 दिसंबर कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सोमवार को 20 दिसंबर के आदेश को बरकरार रखा जिसमें चिकित्सकों के एक संगठन को क्रिसमस के मौके पर यहां प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी।
चिकित्सकों का संगठन आरजी कर अस्पताल में अगस्त में कथित रूप से बलात्कार और हत्या की शिकार महिला चिकित्सक के परिजनों के लिए शीघ्र न्याय की मांग को लेकर यहां प्रदर्शन करने की इजाजत मांग रहे थे।
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि आरजी कर घटना “अभूतपूर्व, अकल्पनीय और भयावह” थी।
राज्य ने न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था, जिसने ‘ज्वाइंट फोरम ऑफ डॉक्टर्स’ को 20 से 26 दिसंबर तक मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड में डोरीना क्रॉसिंग से 50 फीट दूर धरना देने की अनुमति दी थी।
राज्य के वकील ने दलील दी कि क्रिसमस के आसपास इस तरह के प्रदर्शनों से व्यस्त इलाके में यातायात जाम हो जाएगा और त्योहार के मौसम में लोगों को असुविधा होगी।
न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने बचाव पक्ष के वकील द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि प्रदर्शनकारियों की संख्या 100 की निर्धारित सीमा के भीतर होगी, फोरम को उसी स्थान पर अपना आंदोलन जारी रखने की अनुमति दे दी।
फोरम के वकील ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी धरना-प्रदर्शन के लिए निर्धारित अवरोधक वाले क्षेत्र से आगे नहीं बढ़ेंगे, जैसा कि राज्य पुलिस और प्रशासन के साथ चर्चा की गई थी।
अदालत ने आंदोलनकारी चिकित्सकों से 25 दिसंबर को एक दिन के लिए धरना स्थगित करने तथा इसे 27 दिसंबर तक टालने के राज्य के प्रस्ताव पर भी प्रतिक्रिया देने को कहा।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार कक्ष में नौ अगस्त को ड्यूटी पर मौजूद एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव मिला था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
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