लखनऊ, 17 दिसंबर तकनीकी शिक्षा विभाग में कथित अनियमितताओं के खिलाफ जांच की मांग को लेकर देर रात तक उत्तर प्रदेश विधानसभा परिसर में धरने पर बैठने के बाद अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पल्लवी पटेल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वादा किये जाने के बावजूद उन्हें सदन में यह मामला उठाने की अनुमति नहीं दी गई।
पटेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सोमवार रात को अपना धरना समाप्त करते समय संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और विधानसभा के प्रमुख सचिव ने मुझे आश्वासन दिया था कि मंगलवार को मुझे मौका दिया जाएगा, लेकिन नियमों का हवाला देते हुए मुझे सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी गई।"
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर भी आरोप लगाया कि वह एक पार्टी के ‘एजेंट’ की तरह काम कर रहे हैं।
पटेल तकनीकी शिक्षा विभाग में कथित अनियमितताओं के आरोपों की जांच की मांग को लेकर सोमवार देर रात तक विधानसभा परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठी रहीं।
पल्लवी पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बड़ी बहन हैं। अनुप्रिया के पति आशीष पटेल राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री हैं। तकनीकी शिक्षा विभाग में अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं।
आरोप है कि आशीष पटेल के अधीन तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभागाध्यक्षों की सीधी भर्ती के बजाय कॉलेजों में कार्यरत व्याख्याताओं को पदोन्नत कर विभागाध्यक्ष बना दिया गया है।
आरोप यह भी है कि अगर सीधी भर्ती से पद भरे जाते तो पिछड़े और दलित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिलता, लेकिन कथित तौर पर पदोन्नति के कारण उन्हें वंचित कर दिया गया।
भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर पल्लवी ने कहा कि वह अपनी रणनीति तैयार करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि उच्च न्यायालय इस मामले का स्वत: संज्ञान ले, जो गंभीर प्रकृति का है।’’
अपना दल (सोनीलाल) के वरिष्ठ नेता आशीष पटेल ने पूर्व में आरोप लगाया था कि शिक्षकों की पदोन्नति में कथित अनियमितताओं को लेकर उनकी राजनीतिक रूप से "हत्या" करने की साजिश रची जा रही है। पटेल ने यह भी कहा कि जिस दिन उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आदेश मिलेगा, वह बिना किसी देरी के अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
अपना दल (सोनीलाल) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का एक घटक है। मंत्री की यह प्रतिक्रिया उन आरोपों के बीच आई है, जिनमें कहा गया है कि तकनीकी शिक्षा विभाग में 100 से अधिक व्याख्याताओं को आरक्षण मानदंडों का उल्लंघन करके पदोन्नत किया गया।
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