उत्तर कोरिया द्वारा यह प्रक्षेपण ऐसे समय में किया गया है, जब उसके द्वारा सबसे लंबी दूरी की मिसाइल प्रक्षेपित किए जाने की अटकलें तेज हैं।
इस साल उत्तर कोरिया द्वारा किया गया यह 10वां प्रक्षेपण है, जिससे स्पष्ट हो गया है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अपने प्रतिद्वंद्वियों पर रियायतें देने के लिए इसके जरिए दबाव डालना चाहता है।
मिसाइल में विस्फोट होने से जुड़ी विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिल पाई है।
दक्षिण कोरियाई सेना के एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि उड़ान भरते समय लगभग 20 किलोमीटर (12.4 मील) की ऊंचाई पर उत्तर कोरियाई मिसाइल में विस्फोट हो गया। विस्फोट का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।
इससे पहले, दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में बताया था कि प्योंगयांग क्षेत्र से सुबह करीब साढ़े नौ बजे किया गया प्रक्षेपण विफल रहा। दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खुफिया अधिकारी प्रक्षेपण के विवरण का विश्लेषण कर रहे हैं।
अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान ने बाद में बताया कि उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है, लेकिन यह जानकारी नहीं दी कि यह एक असफल प्रक्षेपण था या नहीं।
कमान ने एक बयान में कहा कि प्रक्षेपण अमेरिकी क्षेत्र और उसके सहयोगियों के लिए तत्काल कोई खतरा उत्पन्न नहीं करता। साथ ही उसने उत्तर कोरिया से अस्थिर करने वाले कृत्यों से दूर रहने का आह्वान किया।
जापान मंत्रिमंडल के मुख्य सचिव हिरोकाज़ु मात्सुनो ने पत्रकारों से कहा कि बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण की पुष्टि नहीं हुई है और जापान, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर हुआ क्या था।
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछली विफलताओं के बावजूद उत्तर कोरिया व्यवहार्य परमाणु शस्त्रागार प्राप्त करने के अपने लक्ष्य के करीब बढ़ रहा है, जो अमेरिकी सरजमीं के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है।
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