उत्तर कोरिया ने हालांकि दक्षिण कोरिया को औपचारिक रूप से अपना प्रमुख शत्रु घोषित करने तथा नयी राष्ट्रीय सीमाओं को संहिताबद्ध करने के लिए अपेक्षित संवैधानिक संशोधन की घोषणा नहीं की।
ये कदम दबाव बनाने की रणनीति प्रतीत होते हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इसका दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों पर क्या असर पड़ेगा, क्योंकि सीमा पार यात्रा और आदान-प्रदान वर्षों से रुके हुए हैं।
उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, उत्तर कोरिया की सेना ने बुधवार को कहा कि वह दक्षिण कोरिया से लगती ‘‘सड़कों और रेलमार्गों से संपर्क को पूरी तरह से काट देगी’’ और ‘‘अपनी ओर के संबंधित क्षेत्रों को मजबूत रक्षा संरचनाओं से सुदृढ़ करेगी’’।
उत्तर कोरिया की सेना ने इस कदम को ‘‘युद्ध को रोकने और सुरक्षा के इरादे से आत्मरक्षा में उठाया गया कदम’’ बताया है।
सेना ने दक्षिण कोरिया में विभिन्न युद्ध अभ्यासों, कोरियाई प्रायद्वीप में अमेरिकी सामरिक परिसंपत्ति की तैनाती और विरोधी देशों द्वारा कठोर बयानबाजी का हवाला देते हुए कहा, ‘‘शत्रुतापूर्ण ताकतें अपने टकराव के उन्माद में और भी अधिक लापरवाह होती जा रही हैं।’’
दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने इससे पहले कहा था कि उत्तर कोरिया अप्रैल से ही अपनी सीमा पर टैंक रोधी अवरोध लगा रहा है और सीमा से लगती सड़कों पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा था कि उत्तर कोरिया ने ऐसा संभवतः अपनी अग्रिम पंक्ति की सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने और अपने सैनिकों तथा नागरिकों को दक्षिण कोरिया में जाने से रोकने के लिए किया है।
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