विदेश की खबरें | उत्तर कोरिया ने पहले जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण के असफल रहने को ‘सर्वाधिक गंभीर’ चूक बताया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

देश के सरकारी मीडिया ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

विफल प्रक्षेपण और उत्तर कोरिया के शस्त्रों के आधुनिकीकरण के प्रयासों पर सत्तारूढ़ दल की बैठक में गहन चर्चा की गयी। तीन दिन तक चली बैठक रविवार को समाप्त हुई जिसमें उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अन्य शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।

‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने बैठक के संबंध में अपनी रिपोर्ट में यह तो नहीं बताया कि इसे किसने संबोधित किया, लेकिन कहा कि ‘‘ गैर जिम्मेदाराना तरीके से प्रक्षेपण की तैयारी करने के लिए अधिकारियों की तीखी आलोचना की गई।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों को असफलता से सबक लेने, रॉकेट के क्रैश करने के कारणों का पता लगाने तथा कम वक्त में दोबारा प्रक्षेपण करने के निर्देश दिए गए हैं।

समाचार समिति ने अपनी खबर में हालांकि यह नहीं बताया कि दोबारा प्रक्षेपण कब किया जाएगा, लेकिन दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने सांसदों को सूचित किया था कि उत्तर कोरिया को यह पता लगाने में ‘‘कई हफ्ते’’ लग सकते हैं कि प्रक्षेपण में क्या कमी रह गई।

उत्तर कोरिया के निगरानी संगठनों ने प्रक्षेपण के असफल रहने पर वैज्ञानिकों अथवा इससे जुड़े अन्य लोगों को बर्खास्त किए जाने अथवा उनके साथ किसी प्रकार का बुरा बर्ताव होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि देश के नेता किम जोंग उन का बर्ताव देश के हथियार निर्माण कार्यक्रम में लगे वैज्ञानिकों तथा तकनीशियनों के साथ अच्छा है।

गौरतलब है कि मई के अंत में एक जासूसी उपग्रह ले जाने वाला उत्तर कोरियाई रॉकेट प्रक्षेपण के तत्काल बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिससे अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर नजर रखने के लिए अंतरिक्ष-आधारित निगरानी प्रणाली हासिल करने के किम के प्रयासों को झटका लगा था।

दुनिया भर के कई देशों ने प्रक्षेपण के लिए उत्तर कोरिया की आलोचना की थी।

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