जयपुर, 23 मई राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी जैन मुनियों के बताए सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग का अनुसरण करते हुए भारत को आजादी दिलाने में कामयाबी प्राप्त की।
गहलोत मंगलवार को डूंगरपुर जिले के पीठ (सीमलवाड़ा) में जैन समाज के नवीन शांतिनाथ जिनालय के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए। मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश में खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने महोत्सव में जैन धर्मालम्बियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘भगवान महावीर के सिद्धांत हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी जैन मुनियों के बताए सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग का अनुसरण किया और भारत को आजादी दिलाने में कामयाब हुए। हमें स्वयं और आने वाली पीढ़ी को भी यही संदेश आत्मसात करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि सत्य का कोई विकल्प नहीं है, सत्य ही ईश्वर और सेवा ही परमोधर्म है। गहलोत ने कहा कि उन्होंने स्वयं भी प्रारंभिक शिक्षा जैन स्कूल में ली और वहां शांति, अहिंसा का पाठ पढ़ा, उन्हें जीवन में अपनाते हुए आगे बढ़ा। गहलोत ने कहा कि इन्हीं सिद्धांतों से ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने महात्मा गांधी जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना के तीर्थ स्थलों में सम्मेद शिखर को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिबद्धता से तीर्थस्थलों के विकास और विस्तार में कोई कमी नहीं रख रही है।
गहलोत ने जैन मुनि आज्ञासागर महाराज का आशीर्वाद लिया। साथ ही, आचार्य कनक नंदी द्वारा लिखित जैन धर्मशास्त्र का विमोचन भी किया। इस अवसर पर पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, सकल दिगंबर जैन समाज पीठ के अध्यक्ष राजमल कोठारी भी मौजूद थे।
वहीं संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने इस बात पर खुशी जताई कि सरकार की महत्वाकांक्षी पहल 'महंगाई राहत शिविर' के तहत लाभान्वित परिवारों की संख्या 1.16 करोड़ हो गई है और गारंटी कार्ड धारकों की संख्या 5.29 करोड़ पार कर गई है। गहलोत ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि कोई परिवार छूटे नहीं। ये शिविर बहुत सफल रहे हैं।’’
जातिगत जनगणना करवाने पर जोर देते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने रायपुर अधिवेशन में जातिगत जनगणना कराने के लिए प्रस्ताव पास किया और उसी के अनुसरण में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में मैंने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि जो हमारा प्रस्ताव है उसके अनुरूप आप जातिगत जनगणना करवाएं क्योंकि जातिगत जनगणना जब केंद्र सरकार करवाती है तो वह कानूनी होती है।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘मैं जब 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बना तो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण 21 प्रतिशत किया गया। अनुसूचित जाति का आरक्षण आठ से 16 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति का आरक्षण छह से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया गया। हमारे वक्त में ये बढ़ोतरी हुई है। आगे भी होगी तो हमारे वक्त में भी होगी। हम चाहेंगे कि पूरा ध्यान रखकर गुणा भाग करके कदम उठाएं। सब लोग मिलकर न्याय कर सकें न्याय सुनिश्चित हो। ये अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) का आरक्षण मिला वह भी हम लोगों के वक्त में मिला।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)