विदेश की खबरें | हमास को कुचलने से इजराइल को कोई नहीं रोक सकता: नेतन्याहू
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने दक्षिण अफ्रीका के इन आरोपों को लेकर दो दिन सुनवाई की कि इजराइल फलस्तीनियों का जनसंहार कर रहा है। इजराइल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। नेतन्याहू ने आईसीजे में सुनवाई के बाद यह बयान दिया। दक्षिण अफ्रीका ने न्यायालय से इजराइल को यह आदेश देने का अनुरोध किया है कि वह अपने भीषण हवाई और जमीनी हमलों को अंतरिम कदम के तहत रोके।

आईसीजे का मुख्यालय हेग में है।

नेतन्याहू ने ईरान और उसके सहयोगी मिलिशिया का जिक्र करते हुए शनिवार शाम को टेलीविजन पर प्रसारित टिप्पणियों में कहा, ‘‘हमें कोई नहीं रोकेगा, न हेग, न कोई और।’’

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष मामले की सुनवाई वर्षों तक चलने की संभावना है लेकिन अंतरिम कदमों पर फैसला कुछ हफ्तों के भीतर आ सकता है। न्यायालय के फैसले बाध्यकारी हैं लेकिन उन्हें लागू करना कठिन है। नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि इजराइल लड़ाई रोकने के आदेशों की अनदेखी करेगा, जिससे उसके अलग-थलग पड़ जाने की आशंका है।

इजराइल पर युद्ध समाप्त करने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। इस युद्ध के दौरान गाजा में 23,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके है।

इजराइल का तर्क है कि युद्ध समाप्त करने का मतलब हमास की जीत होगा। हमास और अन्य आतंकवादियों ने इजराइल में सात अक्टूबर को हमला कर करीब 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे। इसके अलावा 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। इनमें से कुछ को रिहा कर दिया गया है, कुछ लोगों की मौत की पुष्टि कर दी गई है और माना जा रहा है कि आधे से अधिक लोग अब भी कैद में हैं। हमास के इसी हमले के बाद इजराइल और हमास के बीच भीषण युद्ध आरंभ हुआ।

बंधकों के परिवारों ने शनिवार रात तेल अवीव में 24 घंटे की रैली निकाली और इजराइल सरकार से उनके प्रियजन की रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

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