नयी दिल्ली, 30 अगस्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में एक आरोपी को फायदा पहुंचाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी की गिरफ्तारी ने यह संदेश दिया है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, और इसने ‘आप’ को भी परेशान कर दिया है क्योंकि उसे डर है कि ‘सरगना’ अरविंद केजरीवाल भी सलाखों के पीछे होंगे।
यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह द्वारा आबकारी घोटाले के मामले पर सवाल उठाए जाने के बाद दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा।
भाटिया ने कहा कि ऊपरी अदालतों ने मामले के खिलाफ आप की याचिका खारिज कर दी है और इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ‘छह महीने से अधिक समय से जेल में बंद हैं’।
भाटिया ने कहा कि सिसोदिया ने गिरफ्तारी के कुछ दिनों के भीतर ही उच्चतम न्यायालय का रुख किया था लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई और कई प्रयासों के बावजूद उन्हें जमानत नहीं मिल सकी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह गिरफ्तारी (ईडी अधिकारी की) सीबीआई ने की है। यह दिखाता है कि सीबीआई और ईडी साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अगर कोई भ्रष्टाचार और दबाव के जरिए मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश करता है तो उसका स्थान सलाखों के पीछे है।’’
उन्होंने ईडी के सहायक निदेशक पवन खत्री की गिरफ्तारी को जांच एजेंसियों के काम के बारे में ‘अच्छा संकेत’ बताया।
उन्होंने कहा कि अगर ‘आप’ को लगता है कि आबकारी घोटाला मामला काल्पनिक है तो उसे तत्काल उच्चतम न्यायालय जाना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि आप घबराई हुई है क्योंकि उसे डर है कि घोटाले के 'सरगना' मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जेल में हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर सीबीआई और ईडी ईमानदारी से काम करते हैं तो विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) को गर्मी महसूस होती है।
भाटिया ने कहा कि ये सभी 'भ्रष्ट' पार्टियां एक साथ आ गई हैं और भूल गई हैं कि वे पहले एक-दूसरे को क्या कहते थे।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत ‘आप’ और कांग्रेस के साथ आने को लेकर दिल्ली कांग्रेस के नेताओं में बेचैनी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अब कांग्रेस का रुख क्या है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल ने सोचा कि वह कानून से ऊपर हैं। लेकिन संदेश यह है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। अगर कोई अधिकारी गलत करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’
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