नयी दिल्ली, 29 जुलाई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली में ‘रोटेशनल हैडशिप’ (एक निश्चित समय के बाद विभागों के प्रमुख बदलने) के विषय पर कोई निश्चित फैसला नहीं हुआ है।
मांडविया ने लोकसभा में सत्यदेव पचौरी और कौशलेंद्र कुमार के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
सदस्यों ने पूछा था कि क्या सरकार के पास एम्स, दिल्ली में ‘रोटेशनल हैडशिप’ की नीति लागू करने का कोई प्रस्ताव है?
जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘फिलहाल एम्स, नयी दिल्ली में कोई रोटेशनल हैडशिप नहीं है। इस मुद्दे पर विभिन्न समितियों द्वारा दी गयी राय अलग-अलग रही हैं और इनमें कोई एकरूपता नहीं रही। इसलिए कोई निश्चित निर्णय नहीं लिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि जिपमेर, निमहंस, भारतीय विज्ञान संस्थान, आईआईएसईआर, केंद्रीय विश्वविद्यालय और कुछ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोटेशनल हैडशिप की नीति का पालन करते हैं।
मांडविया ने कहा कि एम्स जैसी संस्थाएं जो शिक्षण, अनुसंधान और स्वास्थ्य देखभाल जैसी सुविधाएं दे रही हैं, उनकी कार्य परिचालन संबंधी अपेक्षाओं और प्रशासनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रयोजन को छोड़कर एक व्यक्ति, एक प्रशासनिक पद की नीति पहले से प्रचलन में है।
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