नयी दिल्ली, दो अप्रैल चिकित्सा शिक्षा नियामक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने सिफारिश की है कि एमबीबीएस के नए पाठ्यक्रमों में और देश में इसकी पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए ‘हिप्पोक्रेटिक ओथ’ के स्थान पर ‘महर्षि चरक शपथ’ दिलायी जानी चाहिए।
नए दिशा निर्देशों के अनुसार, ''किसी अभ्यर्थी के चिकित्सा शिक्षा में दाखिला लेने पर संशोधित 'महर्षि चरक शपथ' दिलाए जाने की सिफारिश की जाती है।''
दिशा निर्देशों में हर साल 12 जून से 10 दिवसीय योग ‘फाउंडेशन कोर्स’ कराने की सिफारिश भी की गयी है जो 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर खत्म होगा।
संशोधित दिशा निर्देशों के अनुसार, ‘‘फाउंडेशन कोर्स के दौरान योग प्रशिक्षण शुरू करने की सिफारिश की जाती है। प्रत्येक वर्ष 12 से 10 दिनों की अवधि के दौरान हर दिन अधिकतम एक घंटे के लिए योग अभ्यास किया जाए और यह योग अभ्यास देशभर में सभी चिकित्सा विद्यालयों में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस यानी कि 21 जून को खत्म होगा।’’
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल में संसद में कहा कि ‘महर्षि चरक शपथ’ वैकल्पिक होगी और यह मेडिकल छात्रों पर जबरन थोपी नहीं जाएगी।
‘चरक शपथ’ चरथ संहिता में पाठ का एक अंश है, जो आयुर्वेद का संस्कृत पाठ है। वहीं, हिप्पोक्रेटिक ओथ यानी नैतिक संहिता का श्रेय प्राचीन ग्रीक चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स को दिया जाता है।
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