देहरादून, सात अगस्त उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को हिमालयी राज्यों में उनके अनरूप विकास का मॉडल बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि इन राज्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया जाना चाहिए।
नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की एक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा हिमालयी राज्यों में,यहां की पारिस्थितिकी, जनसंख्या घनत्व, अस्थायी आबादी व पर्यावरणीय संवेदनशीलता को देखते हुए ही विकास का मॉडल बनाया जाए जो विज्ञान-प्रौद्योगिकी पर आधारित हो।
उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हिमालयी राज्यों के लिए एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किए जाने का आग्रह भी किया। उन्होंने इसका आयोजन उत्तराखंड में करने का अनुरोध किया।
प्रदेश के कुछ महत्वपूर्ण नीतिगत बिन्दुओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि केंद्र पोषित योजनाओं को बनाते समय राज्य की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाए और ‘सबके लिए एक योजना’ के स्थान पर राज्य के अनुकूल योजना तैयार की जाएं।
इस संबंध में उन्होंने पर्यटन तथा सगन्ध पौध आधारित योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे राज्य को अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा।
जल धाराओं के पुनर्जीवन के लिये एक वृहद कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए धामी ने कहा कि इसमें चेक डैम एवं छोटे-छोटे जलाशयों का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें केंद्र के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग की आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सम्पूर्ण राष्ट्र को महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है और राज्यों के बीच संसाधनों के आवंटन में इसका ध्यान भी रखा जाना चाहिए। उत्तराखंड की अवस्थापना सुविधाओं पर अस्थायी जनसंख्या का दवाब पड़ने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष अब तक लगभग 30 लाख चारधाम यात्री तथा चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों का राज्य में आवागमन हुआ है और इस संख्या में निरंतर वृद्धि की संभावनाएं भी अत्यन्त प्रबल हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश स्थानीय निकायों का आकार एवं उनके वित्तीय संसाधन काफी कम हैं और इसे देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय संसाधनों के हस्तांतरण में इस महत्वपूर्ण तथ्य को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुसार 21 वीं शताब्दी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2025 में राज्य की रजत जयंती तक आदर्श उत्तराखंड को अपना मंत्र बनाकर त्वरित गति से कार्य प्रारंभ किया है।
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल के लिए आगामी 25 वर्ष की योजना बनाना भी प्रदेश की प्राथमिकता है। धामी ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में चलाई जा रही विकास योजनाओं की जानकारी भी बैठक में दी।
दीप्ति
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