Nirmala Sitharaman is Finance Minister of India: निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला
Nirmala Sitharaman | Photo- X

नयी दिल्ली, 12 जून : निर्मला सीतारमण ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए वित्त मंत्रालय का कार्यभार बुधवार को संभाल लिया. वह जल्द ही वित्त वर्ष 2025 के लिए अंतिम बजट पेश करेंगी जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत तीसरी सरकार की प्राथमिकता तथा विकसित भारत की दिशा तय करेगा. नॉर्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय में वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने सीतारमण का स्वागत किया. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद थे. चौधरी ने मंगलवार शाम को पदभार ग्रहण किया. सीतारमण लगातार सातवां बजट और लगातार छठा पूर्ण बजट पेश करके एक रिकॉर्ड बनाएंगी.

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट अगले महीने नवगठित 18वीं लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है. सीतारमण के नाम मोदी सरकार में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए मंत्री के रूप में शामिल होने वाली पहली महिला बनने का रिकॉर्ड भी है. अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं. 2017 में पहली महिला रक्षा मंत्री बनी. इससे पहले वह उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री थीं. अरुण जेटली (वित्त मंत्री 2014-19) के बीमार होने पर सीतारमण ने 2019 के आम चुनाव के बाद नव निर्वाचित मोदी सरकार में वित्त विभाग का प्रभार संभाला था. वह स्वतंत्र भारत में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं. इससे पहले, इंदिरा गांधी ने भारत की प्रधानमंत्री रहते हुए थोड़े समय के लिए अतिरिक्त विभाग के रूप में वित्त का कार्यभार संभाला था. यह भी पढ़ें : उत्तराखंड : उत्तरकाशी में बस दुर्घटना में तीन महिला श्रद्धालुओं की मौत, 26 अन्य लोग घायल

सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को मदुरै में रेलवे में कार्यरत नारायण सीतारमण और सावित्री के घर हुआ था. सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और एम.फिल की है. राजनीति में आने से पहले सीतारमण ब्रिटेन में कॉरपोरेट जगत का हिस्सा थीं, जहां वह अपने पति परकला प्रभाकर के साथ रह रही थीं. दोनों की मुलाकात जेएनयू में पढ़ाई के दौरान हुई और 1986 में दोनों ने शादी कर ली. उनकी एक बेटी परकला वांगमयी है. उन्होंने हैदराबाद में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी स्टडीज की उप निदेशक के रूप में कार्य किया. शहर में एक स्कूल भी शुरू किया. वह 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रहीं.