पेरिस, एक अगस्त दो बार की विश्व चैम्पियन निकहत जरीन (50 किलो) का ओलंपिक पदक जीतने का सपना बृहस्पतिवार को एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता चीन की वू यू से 0 . 5 से अप्रत्याशित और एकतरफा हार के साथ खत्म हो गया ।
निकहत का यह पहला ओलंपिक था और उन्हें वरीयता नहीं मिली थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबीए) को मान्यता नहीं देती जो विश्व चैम्पियनशिप कराता है ।
भारत की पदक की सबसे प्रबल दावेदारों में से एक निकहत को बेहद कठिन ड्रॉ मिला था । हार के बाद उन्होंने कहा ,‘‘ सॉरी । यह मेरे लिये अच्छा सबक था । मैने उसके खिलाफ पहले नहीं खेला था । वह काफी तेज थी । भारत लौटकर इस मुकाबले का विश्लेषण करूंगी ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे वरीयता नहीं मिली थी और यह मेरा पहला मैच नहीं था । उसका पहला मैच था जिसका असर पड़ता है । मैने काफी मेहनत की थी , शारीरिक और मानसिक रूप से । मैं मजबूती से वापिस लौटूंगी ।’’
निकहत पर मौजूदा फ्लायवेट (52 किलो) विश्व चैम्पियन यू ने पहले ही दौर से दबाव बना दिया ।
निकहत ने जवाबी हमले बोलने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही । यू का फुटवर्क बेहतरीन था जिससे वह लगातार स्टांस बदलकर घूंसे बरसाती रही ।
दूसरे दौर में निकहत ने कुछ सीधे पंच लगाये लेकिन यू ने उनके चेहरे पर मुक्के लगाते हुए अंक बनाये ।तीसरे दौर में भी यू की चपलता का निकहत के पास कोई जवाब नहीं था ।
निकहत पेरिस ओलंपिक से बाहर होने वाली भारत की चौथी मुक्केबाज हैं । तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (75 किलो) और विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता निशांत देव (71 किलो) पदक से एक जीत दूर हैं ।
दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल (51 किलो), राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैसमीन लम्बोरिया (57 किलो) और एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता प्रीति पंवार (54 किलो) बाहर हो चुके हैं ।
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