पेरिस में फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने अपने इस निर्णय का कारण हाल की हिंसा को बताया जिसमें नाइजर की राजधानी नियामी में फ्रांसीसी दूतावास को निशाना बनाया गया था।
मंत्रालय ने कहा कि नाइजर के विमानक्षेत्र को बंद किये जाने से ‘ हमारे फ्रांसीसी नागरिकों के लिए अपने साधनों से देश छोड़ना मुश्किल हो गया है।’
फ्रांसीसी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नाइजर के लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहमद बाजौम के खिलाफ पिछले सप्ताह तख्तापलट से गहराते संकट के बीच फ्रांसीसी एवं अन्य यूरोपीय लोगों को वहां से निकालने का अभियान शुरू किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि यह अभियान फ्रांसीसी एवं अन्य यूरोपीय नागरिकों के लिए मंगलवार को शुरू हो रहा है। उसकी तरफ से और कोई विवरण नहीं दिया गया।
इसीओडब्ल्यूएएस नाम से चर्चित पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय संगठन ने रविवार को नाइजर के विरूद्ध पाबंदियों की घोषणा की और कहा कि यदि तख्तापलट करने वाले नेता एक सप्ताह में बाजौम को उनके पद पर पुन: स्थापित नहीं करते हैं तो वह बलप्रयोग करेगा।
इस बीच, एक संयुक्त बयान में माली और बुरकिना फासो की सैन्य सरकारों ने कहा कि ‘नाइजर के खिलाफ किसी भी सैन्य दखल को बुरकिना और माली के विरूद्ध युद्ध की घोषणा माना जाएगा।’’
रविवार को गिनी ने भी नाइजर की सैन्य सरकार के पक्ष में बयान जारी किया और इसीओडब्ल्यूएएस से ‘होश में आने’ की अपील की।
एपी
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