नयी दिल्ली, छह जून गत वर्ष दिसंबर में 20 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के क्षेत्रीय अभियंता अकील अहमद पर अभियोजन चलाने की मंजूरी के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को एक और महीने का समय चाहिए होगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अहमद अभी जमानत पर हैं और जब तक केंद्र सरकार भ्रष्टाचार रोधी कानून की धारा 19 के तहत मंजूरी नहीं देती, जो कि आवश्यक है, तब तक आरोपी के विरुद्ध मामला नहीं चलाया जा सकता।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने सरकार की अनिवार्य मंजूरी के बिना, अहमद और एक अन्य आरोपी के विरुद्ध इस साल मार्च में आरोपपत्र दायर किया था। उन्होंने कहा कि तब से अब तक विशेष अदालत ने चार आदेश जारी कर एजेंसी को निर्देश दिया कि सरकार से मंजूरी ली जाए ताकि वह इस मामले में आगे बढ़ सके लेकिन अभी तक सरकार ने मंजूरी नहीं दी है।
सीबीआई को मंजूरी लेने में एक और महीने का समय लग सकता है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने हाल में विशेष अदालत को आश्वासन दिया है कि वह एक महीने में इस प्रक्रिया में तेजी लाएगी। क्षेत्रीय प्रबंधक के तौर पर तैनात अहमद ने कथित तौर पर, 30 दिसंबर 2021 को दिलीप बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड से 20 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी।
अधिकारियों ने कहा कि कंपनी द्वारा कर्नाटक में बनाए जा रहे “चेन्नई एक्सप्रेसवे पैकेज एक और दो” के लिए रिश्वत की मांग की गई।
कार्यकारी निदेशक देवेंद्र जैन ने कथित तौर पर अहमद को दी जाने वाली रिश्वत को मंजूरी दी और हवाला के जरिये अनुज गुप्ता नामक व्यक्ति के माध्यम से यह रकम पहुंचाई गई। सीबीआई ने 31 दिसंबर 2021 को जाल बिछाकर गुप्ता के कार्यालय से 20 लाख रुपये बरामद किये थे और इसके बाद बेंगलुरु से अहमद को गिरफ्तार किया गया।
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