नयी दिल्ली, 21 नवंबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने चार राज्य स्तरीय सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश देते हुए कहा है कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद वे भूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड की मौजूदगी के बारे में जवाब देने में विफल रहे।
एनजीटी ने पहले इस मामले में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा था।
एनजीटी ने 25 राज्यों के 230 जिलों में भूजल में आर्सेनिक और 27 राज्यों के 469 जिलों में फ्लोराइड मिलने से संबंधित एक समाचार पत्र की खबर पर स्वत: संज्ञान लिया था।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 19 नवंबर के आदेश में कहा कि नगालैंड, झारखंड, गुजरात और केंद्र शासित प्रदेश दमन एवं दीव से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई हैं।
पीठ ने कहा, "नगालैंड, झारखंड, गुजरात और केंद्र शासित प्रदेश दमन एवं दीव बार-बार निर्देश देने के बावजूद जवाब नहीं दे रहे हैं। इसलिए हमारे पास इन तीन राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रधान सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।"
एनजीटी ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) को इस मुद्दे पर नवीनतम रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी।
जोहेब पवनेश
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)