नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उत्तर भारत में वायु प्रदूषण से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए अगले 15 दिनों को ‘‘महत्वपूर्ण’’ बताया।
केंद्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में राय शामिल हुये। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और भूपेंद्र यादव के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्री भी शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में बिगड़ती वायु गुणवत्ता का आकलन करना और उसका समाधान करना था।
राय ने इस साल की बैठक में देरी पर चिंता व्यक्त की और कहा, ‘‘पिछले साल अगस्त में इसी तरह की बैठक हुई थी, जिससे हमें रणनीति बनाने के लिए अधिक समय मिला।’’
राय ने कहा, ‘‘इस साल की बैठक अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में हुई थी। अगर यह तीन महीने पहले आयोजित की गई होती तो हम प्रदूषण की समस्या से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते थे।’’
राय के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, इस साल केवल 1,500 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2022 में लगभग 5,000 मामले दर्ज किए गये थे ।
हालांकि, उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में घटनाओं में वृद्धि देखी, जो क्षेत्रीय वायु गुणवत्ता के लिए एक बड़ा जोखिम है।
राय ने चेताया, ‘‘अगले 15 दिन महत्वपूर्ण हैं।’’
उन्होंने बताया कि उत्तर-पश्चिम से आने वाली मौसमी हवायें प्रदूषकों को दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में ले जा सकती हैं, जिससे प्रदूषण का संकट और बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन दिवाली के बाद का समय महत्वपूर्ण होगा।’’
राय ने केंद्र और राज्य प्राधिकारियों से आग्रह किया कि वे आने वाले दिनों में अधिक से अधिक प्रयास करें, ताकि सर्दियां आने से पहले प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाया जा सके, क्योंकि सर्दियों में हवा की गुणवत्ता, स्थिर हवा और ठंडे तापमान के कारण खराब हो जाती है।
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