प्रयागराज, 27 अगस्त इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक अग्रणी न्यूज वेबसाइट की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा को मंगलवार को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है। वाराणसी की एक महिला ने कथित तौर पर गलत बयान प्रकाशित करने के लिए शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने सुप्रिया शर्मा की एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका का निस्तारण कर दिया।
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वाराणसी के डोमरी गांव की निवासी माला देवी नाम की एक महिला ने राम नगर पुलिस थाना में यह एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें उसने आरोप लगाया था कि सुप्रिया शर्मा ने उनके बयान को गलत प्रकाशित किया और अपनी मीडिया रिपोर्ट में झूठे दावे किये।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि शर्मा के पास उस इंटरव्यू की ऑडियो रिकॉर्डिंग है जिसकी विषय वस्तु प्रकाशित की गई थी। इंटरव्यू में जो बाते कही गईं थीं, उन्हीं को जनहित में प्रकाशित किया गया जिसमें इस साल मार्च में पूरे देश में लागू लॉकडाउन के दौरान कुछ लोगों की स्थितियों को उजागर किया गया।
अदालत ने कहा, "इस मामले के तथ्यों और परिस्थियों पर विचार करते हुए हमें इस याचिका का निस्तारण करना उचित जान पड़ता है। इस मामले की जांच जारी रहेगी और अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचेगी, लेकिन पुलिस रिपोर्ट सौंपे जाने तक याचिकाकर्ता को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। "
उल्लेखनीय है कि माला देवी ने 13 जून, 2020 को सुप्रिया शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें शिकायत की गई थी कि शर्मा ने उनके बयान को गलत प्रकाशित किया और अपनी रिपोर्ट में झूठे दावे किए।
सुप्रिया शर्मा ने अपनी मीडिया रिपोर्ट में लॉकडाउन के दौरान माला देवी के सामने आई मुश्किलों का उल्लेख किया था।
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