देश की खबरें | असंतुष्टों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं भाजपा के नव नियुक्त अध्यक्ष विजयेंद्र

बेंगलुरु, 23 नवंबर कर्नाटक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में बी वाई विजयेंद्र और विपक्ष के नेता के रूप में आर अशोक की नियुक्ति पार्टी के एक वर्ग को पसंद नहीं आने के संकेतों के बीच ने विजयेंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सभी का विश्वास जीतने और कुछ नेताओं के बीच पैदा हुए ‘मामूली मसलों’ का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

राज्य सरकार के पूर्व मंत्रियों वी सोमन्ना और अरविंद लिंबावली तथा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा विजयेंद्र और अशोक की नियुक्ति के बाद अप्रसन्नता जताये जाने के उपरांत विजयेंद्र का यह बयान आया है ।

प्रदेश में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में हार के छह महीने बाद इस महीने की शुरुआत में दोनों नेताओं को यह दायित्व सौंपा।

भाजपा के दिग्गज नेता बी एस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र ने आज विधायक रमेश जारकीहोली से उनके आवास पर मुलाकात की जो कथित तौर पर अप्रसन्न चल रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुयी ।

बाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुये विजयेंद्र ने कहा कि वह गोकाक के विधायक के बयान को गंभीरता पूर्वक ले रहे हैं । उन्होने कहा, ‘‘ये मामूली मुद्दे हैं, जिन पर मैने उन्हें संतुष्ट करने के लिये आज उनके साथ चर्चा की। मुझे उम्मीद है कि चर्चा से वह खुश हुये हैं ।

उन्होंने कहा कि वह पार्टी नेताओं के बयानों को ‘नकारात्मक’ तरीके से नहीं लेंगे और प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सभी को भरोसे में लेंगे ।

भाजपा प्रमुख ने कहा कि जरकीहोली ने उनसे आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को अधिकतम सीट जिताने के लिये मिल कर काम करने को कहा ।

जरकीहोली ने कहा कि उनका लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करना है जिसके लिए वह पार्टी को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए मिशनरी उत्साह के साथ काम करेंगे।

विजयेंद्र ने कहा, ‘‘मैं लोकसभा चुनाव में (कर्नाटक में) सभी 28 सीटें जीतकर अपना कर्तव्य निभाऊंगा।’’

जरकीहोली ने संवाददाताओं से कहा कि एकमात्र उद्देश्य अगले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए अधिकतम सीटें जीतना है क्योंकि उनका ‘असंतोष एक पुराना मुद्दा है ।’’

इस बीच, पूर्व आवास मंत्री वी सोमन्ना ने कहा कि वह दिसंबर के बाद अपनी ‘आगे के कदम’ का खुलासा करेंगे।

कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठों ने मुझसे कहा है कि मैं 6 दिसंबर तक कुछ न बोलूं।’

मैसूरु में वरुणा सहित दो निर्वाचन क्षेत्रों से विधानसभा चुनाव हारने के बाद सोमन्ना की इच्छा प्रदेश अध्यक्ष बनने की थी ।

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