नयी दिल्ली, चार मई केन्द्र ने सोमवार को कहा कि सरकार ने प्रवासी श्रमिकों से किराया वसूले जाने के बारे में कभी भी बात नहीं की क्योंकि 85 प्रतिशत यात्रा लागत रेलवे और 15 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही है।
कोविड-19 से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य ले जाने के लिए रेलवे द्वारा कथित रूप से किराया लेने को लेकर हुए विवाद के बीच केन्द्र का यह बयान आया है।
सरकार ने कहा कि फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को ले जाने की प्रक्रिया ‘‘एक या दो राज्यों को छोड़कर’’ राज्यों द्वारा समन्वित की जा रही है।
जब यह पूछा गया कि प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाये जाने के लिए उनसे कोई किराया लिया जा रहा है तो स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि जहां तक प्रवासी श्रमिकों का सवाल है, दिशानिर्देशों में स्पष्ट है कि संक्रामक रोग प्रबंधन के तहत, कोई भी जहां है, वहां रहना चाहिए।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘विशेष मामलों में राज्यों से आये अनुरोध के आधार पर विशेष रेलगाड़ियां चलाने की अनुमति दी गई है। चाहे वह भारत सरकार हो या रेलवे, हमने श्रमिकों से शुल्क लेने की बात नहीं की है। रेलवे द्वारा 85 प्रतिशत परिवहन लागत वहन की जा रही है जबकि 15 प्रतिशत लागत राज्य द्वारा वहन की जा रही है।’’
अग्रवाल ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के एक दिन में सबसे अधिक 1,074 मरीज स्वस्थ हुए है।
उन्होंने बताया कि कोरोनो वायरस के मरीजों की स्वस्थ होने की दर 27.52 प्रतिशत है और अब तक 11,706 मरीज स्वस्थ हुए है।
अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के एक दिन में सबसे अधिक 1,074 मरीज ठीक हुए हैं।
उन्होंने बताया कि सोमवार को कोरोना वायरस से मृतकों की संख्या 1,389 हो गई है जबकि इसके 2,573 मामले सामने आने के बाद मामलों की कुल संख्या 42,836 हो गई है जबकि अभी 29,685 मरीजों का उपचार चल रहा है।
हालांकि राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ‘पीटीआई-’ की गणना के अनुसार सोमवार को मामलों की कुल संख्या 43,658 है और मृतकों की संख्या 1,413 है।
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