नयी दिल्ली, 23 जून नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी को काबू में करने के लिये सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर जो रुख है, उसे सरकार, समुदायों और सभी संबद्ध पक्षों द्वारा जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने की जरूरत है।
उद्योग मंडल फिक्की द्वारा ‘स्वस्थ्य जीवन के लिये सार्वजनिक स्वास्थ्य’ विषय पर आयोजित वेबिनार (इंटरनेट के जरिये होने वाला सेमिनाार) में पॉल ने कहा कि निगरानी, नियंत्रण और बीमारी को काबू में करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि अस्पतालों की तरफ से एम्बुलेंस की निश्चित पहुंच और देखभाल को लेकर तैयारी की भी जरूरत है। इसके साथ निर्धारित मानदंडों के साथ बुजुर्गों और परिवार के अन्य लोगों की सुरक्षा के साथ घरों पर देखभाल को मजबूत करने और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
पॉल ने कहा, ‘‘हमें कोविड-19 के नियंत्रण से जुड़ी सकारात्मक बातों पर गौर करना चाहिए। बीमारी को काबू में करने के लिये बीमार का पता लगाकर, उसका टेस्ट कराकर, उसे अलग रखने जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर जो रुख है, उसे सरकार, नागरिक एजेंसियों, समुदायों और सभी संबद्ध पक्षों द्वारा प्रभावी तरीके से जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने की जरूरत है।’’
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चिकित्सा उपकरण और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये प्रबंधन योजना पर गठित अधिकार प्राप्त समूह के प्रमुख पॉल ने वैसे लोगों को संरक्षित रखने की जरूरत बतायी जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। साथ ही उन्होंने चिकित्सा की परंपरागत प्रणाली के जरिये प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि यह समय टेलीमेडिसिन के लिये ऐतिहासिक है तथा डॉक्टर-मरीज के संबंधों और भरोसे को बनाये रखते हुए इसे बढ़ावा देने की जरूरत है।
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