नयी दिल्ली, 31 मई उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सोमवार को कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सक्रियता के साथ और सोच-विचारकर कदम उठाने होंगे। साथ ही मांग सृजित करने तथा रोजगार कायम रखने के लिए प्रभावी नीतिगत उपाय करने की आवश्यकता है।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि भविष्य के आर्थिक विकास के लिए प्रभावी कदम उठाने तथा व्यापार और उद्योग पर महामारी की दूसरी लहर के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए एक पर्याप्त प्रोत्साहन राशि देना, आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा कि पिछली कई तिमाहियों में सरकार द्वारा किए गए सार्थक और सक्रिय सुधारों ने अर्थव्यवस्था को वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के निचले स्तर से उबार दिया है और इसके परिणामस्वरूप बाद की तिमाहियों में जीडीपी में तेज उछाल आया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी जो कई विशेषज्ञों द्वारा जताये गये अनुमान से कम है।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘इस मोड़ पर, सरकार को अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग पर कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सक्रिय तथा सोचे समझकर कदम उठाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि लोगों और अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए घरेलू स्तर पर वैक्सीन उत्पादन की संभावनाओं को बढ़ाने एवं अन्य देशों से आयात करने के साथ-साथ लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण करने की आवश्यकता है।
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