देश की खबरें | राजग की बैठक मंगलवार को, भाजपा ने लोकसभा चुनाव अभियान को किया तेज

नयी दिल्ली, 17 जुलाई भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) मंगलवार को अपने घटक दलों की एक बैठक की मेजबानी करने जा रहा है। बेंगलुरु में विपक्षी दलों के एकजुट होने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से बुलाई गई यह बैठक सत्तारूढ़ गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखी जा रही है।

यहां होने वाली राजग की बैठक में भाजपा के कई मौजूदा और नए सहयोगी दल मौजूद रहेंगे। सत्तारूढ़ पार्टी ने हाल के दिनों में नए दलों को साथ लेने और गठबंधन छोड़कर जा चुके पुराने सहयोगियों को वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत की है।

बैठक में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि इसमें सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधि होंगे और राजग की ताकत का प्रदर्शन करेंगे। भाजपा पर लगातार यह आरोप लगता रहा है कि वह अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने में असमर्थ रही है।

जनता दल (यूनाइटेड), उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अकाली दल जैसे अपने कई पारंपरिक सहयोगियों को खोने के बाद, भाजपा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट, उत्तर प्रदेश में ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) तथा उपेंद्र कुशवाला के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) के साथ गठबंधन करने में सफल रही है।

भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इन दलों को बैठक में उपस्थिति के लिए निमंत्रण भेजा है, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सत्तारूढ़ दल के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।

तमिलनाडु की ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और आंध्र प्रदेश से पवन कल्याण की जन सेना के भी बैठक में मौजूद रहने की संभावना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान इस स्तर की यह पहली ऐसी बैठक होगी। अगले साल अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा की कोशिश राजग को एक मजबूत गठबंधन के रूप में पेश करना है।

पार्टी नेताओं का मानना है कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की कई सीटों पर चुनाव में संतुलन बनाने में क्षेत्रीय दल मददगार साबित हो सकते हैं, क्योंकि ऐसे छोटे दलों का किसी विशेष क्षेत्र या जाति में खासा प्रभाव है।

लोकसभा में लगातार तीसरी बार बहुमत बरकरार रखने के लिए भाजपा के हरसंभव प्रयास के बीच पार्टी नेतृत्व ने नए सहयोगियों को समायोजित करने की कोशिश की है, वहीं महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विपक्षी गुट को कमजोर करने का भी काम कर रही है।

इससे पहले, कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि जो लोग अकेले दम पर विपक्षी दलों को हरा देने का दंभ भरते थे, वे इन दिनों राजग में नयी जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने यह दावा भी किया कि विपक्षी एकता भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में ‘परिवर्तनकारी’ साबित होगी।

बेंगलुरु में विपक्षी दलों के दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र के आरंभ होने से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को एकाएक राजग की याद आ गई है।

रमेश ने कहा, ‘‘राजग में नयी जान फूंकने की कवायद की जा रही है। पहले राजग की कोई बात ही नहीं होती थी और कुछ दिनों से हम अचानक इसके बारे में पढ़ और सुन रहे हैं। खबरें है कि कल राजग की एक बैठक बुलाई गई है, तो जो राजग भूत बन गया था अब उसमें नयी जान फूंकने की कोशिश की जा रही है।’’

उन्होंने कहा कि यह पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक का असर है।

ब्रजेन्द्र

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