नयी दिल्ली, 15 मार्च राज्यसभा में सोमवार को राकांपा सदस्य वंदना चव्हाण ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की मांग की।
चव्हाण ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुयी है। उन्होंने इसे गंभीर मामला करार देते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर हमारा देश आगे रहा है और इसके लिए कई कानून भी बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति जे एस वर्मा समिति ने भी अपनी सिफारिशों में वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की अनुशंसा की थी।
कांग्रेस सदस्य फूलो देवी नेताम ने उच्च सदन में अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के आवास से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने वाले अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को तीन साल में आवास खाली करना होता है। इस वजह से कर्मियों के परिवारों एवं बच्चों को परेशानी होती है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है।
नेताम ने कहा कि आवास खाली करने में देरी होने पर भारी जुर्माना लगाया जाता है। उन्होंने मांग की कि मौजूदा तीन साल की सीमा को बढ़ाकर उसे छह साल किया जाना चाहिए और कुछ मामलों में लगाए गए जुर्माने को माफ किया जाना चाहिए।
द्रमुक सदस्य टी शिवा ने देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाली कुछ महिला सेनानियों को भुला दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि उनके जीवन के बारे में नयी पीढ़ी को बताया जाना चाहिए और इसे स्कूलों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए।
शून्यकाल में ही भाजपा के महाराजा संजाओबा लेशंबा ने प्राचीन स्मारकों से जुड़ा मुद्दा उठाया और उन्हें संरक्षित रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि स्मारकों को अतिक्रमण आदि से मुक्त कराने के लिए विशेष कार्यबल गठित किए जाने चाहिए।
बीजद के प्रशांत नंदा ने ओडिसी संगीत को शास्त्रीय संगीत का दर्जा दिए जाने की मांग की।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)