नयी दिल्ली, 16 मई कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की रविवार को हुई बैठक में देश के शीर्ष नौकरशाह ने एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि चक्रवात ‘तौकते’ के कारण प्रभावित राज्यों में कोविड अस्पतालों का कामकाज निर्बाध रूप से चलता रहे और कोई जनहानि न हो।
सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के मुख्य सचिव तथा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव के प्रशासक ने हिस्सा लिया।
एनसीएमसी की यह बैठक चक्रवाती तूफान से निपटने के लिये केंद्र व राज्यों की एजेंसियों की तैयारी की समीक्षा के लिये थी। चक्रवाती तूफान के 18 मई की सुबह गुजरात के तट पर दस्तक देने की उम्मीद है और उस दौरान 150 से 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने, भारी बारिश होने की आशंका है।
केंद्र व राज्यों की एजेंसियों की तैयारी की समीक्षा करते हुए गौबा ने कहा कि चक्रवात प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिये सभी उपाय किये जाने चाहिए जिससे किसी तरह की जनहानि या नुकसान न हो।
बयान में गौबा को उद्धृत करते हुए कहा गया, “अस्पतालों और कोविड-19 केंद्रों के संचालन में किसी भी तरह की बाधा से बचने और मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सभी कदम उठाने होंगे।”
इसमें कहा गया कि इस संदर्भ में आवश्यक प्रबंध किये गए हैं।
भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है।
कैबिनेट सचिव ने संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे प्रभावित राज्यों को जरूरी सहायता मुहैया कराने के लिये समन्वय में काम करें।
उन्होंने कहा, “बिजली, टेलीकॉम और अन्य जरूरी सेवाओं की बहाली के लिये इंतजामों की तैयारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।”
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