नयी दिल्ली, चार दिसंबर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सोमवार को विमानन कंपनी स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला कार्यावाही को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी। यह याचिका विमान पट्टे पर देने वाली कंपनी विलिस लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन ने विमानन कंपनी पर बकाया का दावा करते हुए दायर की थी।
स्पाइसजेट की तरफ से याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठाने पर एनसीएलटी की दो सदस्यीय दिल्ली पीठ ने अमेरिकी कंपनी की याचिका खारिज कर दी।
विमानन कंपनी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि विलिस लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन ने मार्च, 2023 में उसी विवाद के लिए अपनी दिवाला याचिका वापस ले ली थी और एक नई याचिका के साथ फिर से आग्रह किया है।
एनसीएलटी पीठ ने इसी साल जुलाई में सुनवाई के दौरान विलिस लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन से पूछा था कि उसने दिवाला और ऋण अक्षमता संहिता, 2016 के प्रावधानों के अनुसार स्पाइसजेट को नोटिस भेजे बिना कुछ महीनों के भीतर इसी तरह की कार्रवाई के लिए फिर से एक नई याचिका कैसे दायर की।
स्पाइसजेट के खिलाफ विलिस लीज के अलावा विमान पट्टे पर देने वाली तीन और कंपनियों- एयरकेसल आयरलैंड लिमिटेड, विल्मिंग्टन और सेलेस्टियल एविएशन ने भी दिवाला याचिकाएं दायर की हैं।
एनसीएलटी ने सितंबर में एक सुनवाई के दौरान स्पाइसजेट को उसके खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की याचिका दायर करने वालीं विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों के साथ समझौता करने का सुझाव दिया था।
स्पाइसजेट ने अपना बकाया चुकाने के लिए अगस्त में नौ विमान पट्टेदारों को 4.8 करोड़ से ज्यादा शेयर आवंटित किए थे।
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