नयी दिल्ली, चार जुलाई राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंगलवार को स्पाइसजेट के खिलाफ दायर ऋण शोधन याचिका के औचित्य पर सवाल उठाया। यह याचिका परिचालन कर्ज देने वाले विलीस लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन ने दायर की है।
एनसीएलटी के महेन्द्र खंडेलवाल और राहुल प्रसाद भटनागर की दो सदस्यीय पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि विलीस लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन ने इसी मामले में मार्च में अपनी ऋण शोधन याचिका वापस ले ली थी और अब फिर से नई याचिका दायर की है।
पीठ ने यह जानना चाहा कि आखिर विमान पट्टे पर देने वाली कंपनी विलीस लीज ने उसी मामले में फिर से याचिका क्यों दायर की है।
एनसीएलटी ने मामले की अगली सुनवाई के लिये 21 जुलाई की तारीख तय की है। अमेरिकी कंपनी विलीस लीज फाइनेंस कॉरपोरशन का मुख्य कारोबार विमानन कंपनियों को वाणिज्यिक विमान इंजन पट्टे पर देना है।
कंपनी के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि अदालत की मंजूरी के बाद याचिका वापस ली गयी थी और उसे फिर से दाखिल किया गया है। इसीलिए इस पर विचार किया जाना चाहिए।
विलीस लीज के वकील ने कहा कि स्पाइसजेट के ऊपर कंपनी का 68.7 करोड़ रुपये बकाया है।
स्पाइसजेट के खिलाफ विमान पट्टे पर देने वाली अन्य कंपनियों एयरकॉसल और विलमिंगटन ने भी याचिकाएं दायर कर रखी हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)