लाहौर, सात अगस्त पाकिस्तान के विपक्षी नेता शहबाज शरीफ ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के ‘‘पूरी तरह से ठीक होने’’ तक देश में उनकी वापसी से इनकार किया है। साथ ही कहा कि उनके भाई कानूनी रूप से ब्रिटेन में रह सकते हैं जब तक कि ब्रिटिश आव्रजन न्यायाधिकरण उनके वीजा का समय बढ़ाने के गृह विभाग के इनकार के खिलाफ अपील पर फैसला नहीं करता।
पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषी ठहराए गए शरीफ (71) नवंबर 2019 से लंदन में रह रहे हैं, जब लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें उपचार के वास्ते चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी। खबरों के मुताबिक, ब्रिटेन के गृह कार्यालय ने वीजा विस्तार के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो के आवेदन को अपील करने के अधिकार के साथ खारिज कर दिया है।
‘डॉन’ अखबार के मुताबिक नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर नवाज शरीफ को इलाज के लिए पाकिस्तान छोड़ने की इजाजत दे दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ की सेहत को लेकर राजनीति करना अमानवीय है। सरकारी तंत्र शरीफ को बदनाम करने पर आमादा है। इससे देश की बदनामी हो रही है।’’
अपने बड़े भाई की वतन वापसी के बारे में शहबाज ने कहा, ‘‘नवाज शरीफ तब पाकिस्तान लौटेंगे, जब वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे तथा लंदन में डॉक्टर उन्हें (देश वापस) यात्रा करने की अनुमति देंगे।’’ पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष और शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने भी मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है। मरियम ने ट्वीट किया, ‘‘इस नकली सरकार ने नवाज शरीफ से अपनी हार स्वीकार कर ली है, जो पाकिस्तान का वर्तमान और भविष्य हैं। उन्हें निशाना बनाकर किसी का कद ऊंचा नहीं हो सकता।’’
पीएमएल-एन की सूचना सचिव मरियम औरंगजेब ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो और प्रधानमंत्री खान के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान हिरासत में नवाज शरीफ की तबीयत खराब हो गई थी। मेडिकल रिपोर्ट और न्यायाधिकरण ने कहा था कि वह पाकिस्तान में अपनी बीमारी का इलाज नहीं करा सकते।
इस बीच, सूचना राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा कि ‘‘भगोड़ा और वांछित’’ व्यक्ति समय सीमा समाप्त हो चुके पाकिस्तानी पासपोर्ट के साथ लंदन में रह रहा है और ब्रिटेन द्वारा चिकित्सा आधार पर वीजा बढ़ाने से इनकार करने के बाद पीएमएल-एन नेतृत्व की नींद उड़ गयी है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण आव्रजन न्यायाधिकरण में कई मामले लंबित हैं और शरीफ के मामले में फैसला आने में एक साल या उससे अधिक समय लग सकता है। तब तक उनके ब्रिटेन में ही रहने की उम्मीद है।
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