नागपुर, 10 अप्रैल महाराष्ट्र के नागपुर शहर में सोशल मीडिया पर एक लड़के के अपहरण का मजाक में वीडियो शूट करना चार छात्रों को महंगा पड़ गया। पुलिस ने ऐसा करने के आरोप में उन छात्रों को हिरासत में ले लिया। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि घटना सोमवार सुबह की है।
प्रताप नगर पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि चार छात्रों पर 11वीं कक्षा के लड़के का अपहरण करने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया गया। इनमें से दो ने हाल ही में 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी और दो अन्य राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि उन्हें हिरासत में लिया गया और बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
आदेश (17) नाम का पीड़ित चंद्रपुर जिले का रहने वाला है और वर्तमान में अपने दोस्त के साथ नागपुर में किराए के मकान में रह रहा है। वह पिछले एक साल से जेईई परीक्षा की तैयारी कर रहा है।
आदेश 11वीं कक्षा में पढ़ता है। सोमवार को सुबह करीब सात बजे प्रताप नगर इलाके में वह अपने दोस्तों यश और वेदांत के साथ अपनी कक्षा की ओर जा रहा था। तभी पीछे से एक सफेद कार आई। उसमे से तीन युवक बाहर आए और आदेश के प्रतिरोध के बावजूद उसे वाहन के अंदर घुसने के लिए मजबूर किया।
आदेश के मित्रों की मौजूदगी से सतर्क हुए आरोपी कार से भागे। आदेश ने इसकी सूचना अपने शिक्षक को दी, जो तुरंत उसे शिकायत दर्ज कराने के लिए स्थानीय पुलिस थाने ले गए।
उन्होंने बताया कि उनकी शिकायत के आधार पर, पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण), 511 (आजीवन कारावास या अन्य कारावास के साथ दंडनीय अपराध करने का प्रयास) और 34 (साझा मंशा) के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने एक अपराधी की पहचान सुशांत (18) के रूप में की और उसे हिरासत में लिया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, पुलिस ने उसके साथियों श्रेयश, यश और अर्नव (सभी की उम्र 18 वर्ष) को भी हिरासत में लिया।
पूछताछ के दौरान चारों छात्रों ने पुलिस को बताया कि वे सोशल मीडिया के लिए मजाक में वीडियो शूट करने की कोशिश कर रहे थे। खुलासे के बाद उनके माता-पिता को पुलिस थाना बुलाया गया, जो उनकी हरकतों के बारे में जानकर हैरान रह गए। उन्होंने बताया कि पुलिस को यह भी पता चला कि सुशांत के पास कार चलाने का लाइसेंस नहीं था।
माता-पिता ने पुलिस से नरमी बरतने का अनुरोध किया और छात्रों ने पुलिस को आश्वासन दिया कि वे भविष्य में ऐसी हरकत नहीं करेंगे। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने उन्हें चेतावनी नोटिस देकर छोड़ दिया।
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