विदेश की खबरें | इजराइल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि में मुस्लिमों ने शुरू की हज यात्रा
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

दुनिया भर से 15 लाख से अधिक हजयात्री हज के लिए मक्का और उसके आस-पास जमा हो चुके हैं, सऊदी अरब से भी हजयात्रियों के शामिल होने के कारण यह संख्या और भी बढ़ रही है। सऊदी अधिकारियों को उम्मीद है कि इस वर्ष हज यात्रियों की संख्या 20 लाख से अधिक हो जाएगी।

इस वर्ष का हज, इजराइल और फलस्तीनी उग्रवादियों के बीच गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध की पृष्ठभूमि में हो रहा है जिसने पूरे पश्चिम को क्षेत्रीय युद्ध की कगार पर धकेल दिया है। इसमें एक तरफ इजराइल और उसके सहयोगी देश हैं और दूसरी ओर ईरान समर्थित आतंकवादी समूह है।

गाजा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले फलस्तीनी इस वर्ष हज के लिए मक्का की यात्रा नहीं कर पाए क्योंकि इजराइल के अपना जमीनी हमला मिस्र की सीमा से लगते गाजा के दक्षिणी शहर रफह तक बढ़ाने पर मई में रफह क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया था।

फलस्तीनी अधिकारियों ने बताया कि कब्जे वाले पश्चिमी तट से 4200 हजयात्री हज के लिए मक्का पहुंचे। सऊदी अधिकारियों ने बताया कि गाजा में युद्ध में मारे गए या घायल हुए फलस्तीनियों के परिवारों से एक हजार से अधिक लोग भी सऊदी अरब के शाह सलमान के निमंत्रण पर हज करने के लिए पहुंचे। रफह क्रॉसिंग बंद होने से पहले ही एक हजार आमंत्रित लोग गाजा के बाहर थे, जिनमें से अधिकतर लोग मिस्र में थे।

इस वर्ष सीरियाई हजयात्री भी एक दशक से भी अधिक समय में पहली बार दमिश्क से सीधी उड़ानों से मक्का की यात्रा पर गए। यह कदम सऊदी अरब और संघर्ष-ग्रस्त सीरिया के बीच संबंधों में चल रही नरमी का हिस्सा है। विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में रहने वाले सीरियाई लोगों को पहले हज के लिए मक्का की अपनी यात्रा के लिए सीमा पार करके पड़ोसी देश तुर्की जाना पड़ता था।

कोरोना वायरस महामारी के कारण तीन साल तक भारी प्रतिबंधों के बाद वार्षिक हज यात्रा अपने सामान्य विशाल पैमाने पर शुरू हो चुकी है। पिछले वर्ष 18 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने हज किया, जो 2019 के स्तर के करीब था जब 24 लाख से अधिक लोगों ने हज किया।

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