यह मामला मस्क के सात अगस्त 2018 को किए गए दो ट्वीट से संबंधित है. मस्क ने दोनों ट्वीट में कहा था कि उन्होंने टेस्ला को खरीदने के लिए पर्याप्त वित्त का इंतजाम कर लिया है. हालांकि, इस सौदे को कभी अमल में नहीं लाया जा सका. इसके बाद, टेस्ला के शेयर धारकों ने मस्क पर यह कहते हुए मुकदमा कर दिया था कि उनके ट्वीट से उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है. तीन सप्ताह की सुनवाई के अंत में करीब दो घंटे तक विचार-विमर्श करने के बाद नौ सदस्यीय जूरी ने अपना फैसला सुनाया.
मस्क के लिए यह एक बड़ी जीत की तरह है, जो अदालती कार्यवाही के दौरान करीब आठ घंटे मौजूद रहे और अगस्त 2018 के अपने ट्वीट को लेकर बचाव में दलीलें दीं. हालांकि, मस्क (51) फैसला सुनाए जाने के वक्त मौजूद नहीं थे, लेकिन वह शुक्रवार को दलीलें खत्म किए जाने के दौरान अचानक पहुंच गए थे, जो उनकी एक अलग ही छवि पेश करता है. फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद मस्क ने ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया. उन्होंने लिखा, “भगवान का शुक्र है. आखिरकार न्याय की जीत हुई.” यह भी पढ़ें : Whatsapp New Feature: व्हाट्सऐप जल्द ही यूजर्स को चैट, ग्रुप में मैसेज पिन करने का देगा फीचर
मस्क के वकील एलेक्स स्पीरो ने न्यायाधीश मंडल से कहा, ‘‘2018 का ट्वीट ‘‘तकनीकी रूप से गलत’’ था, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इससे किसी के साथ धोखा हुआ है.’’ मस्क ने ट्वीट किया था कि उन्होंने टेस्ला की खरीद के लिए 72 अरब डॉलर ‘‘धन जुटा लिया’’ है. उस समय टेस्ला उत्पादन संबंधी समस्याओं से जूझ रही थी. इसके बाद, उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया था कि इस संबंध में सौदा जल्द ही होने वाला है, जबकि ऐसा कोई सौदा नहीं हुआ.